Coronavirus : लोगों के मन पर कैसा रहा कोरोना के खौफ का असर, अध्ययन में होगा खुलासा
Coronavirus इस अध्ययन में देखा जा रहा है कि सब कुछ बंद होने और घर में रहने की स्थिति में उन्हें मानसिक स्तर पर किन- किन परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। Coronavirus : केंद्र और राज्य सरकारें जहां कोरोना के मद्देनजर जनता की बुनियादी जरूरतों का खयाल रख रही हैं, वहीं विशेषज्ञों का एक समूह लोगों की मनोदशा का अध्ययन करने में जुट गया है। इस अध्ययन में देखा जा रहा है कि सब कुछ बंद होने और घर में रहने की स्थिति में उन्हें मानसिक स्तर पर किन- किन परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। सिर्फ यही नहीं, कोरोना का खौफ समाप्त हो जाने के बाद किस तरह के मानसिक रोग सामने आ सकते हैं, ये भी इस अध्ययन का हिस्सा होगा। इस अध्ययन की प्राथमिक रिपोर्ट पखवाड़े भर में आने की संभावना है। दरअसल, केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय के निर्देश पर यह अध्ययन राष्ट्रीय पुस्तक न्यास (एनबीटी) करवा रहा है।
3 भागों में होगा अध्ययन
इसके लिए एनबीटी ने देश के नामी मनोचिकित्सकों-समाजशास्ति्रयों का एक सात सदस्यीय पैनल गठित किया है। इसमें निजी व सरकारी दोनों ही स्तरों पर मनोरोगों का निदान कर रहे डॉक्टर शामिल हैं। अध्ययन तीन हिस्सों में होगा। पहला, लॉकडाउन की मौजूदा अवधि में लोगों की मानसिक समस्याएं, दूसरा- कोरोना संक्रमण खत्म होने के बाद की स्थिति और तीसरा-जनता के सवालों का जवाब। यह सवाल भी जल्द आमंत्रित किए जाएंगे।
कोरोना से जंग जीतने वालों का भी होगा जिक्र
एनबीटी के मुताबिक कोरोना ने जिस तरह न केवल देश बल्कि समूची दुनिया को प्रभावित किया है, वह जनमानस के मस्तिष्क पर भी कुप्रभाव डाल रहा है। भविष्य में भी इस संकट से निपटने की प्रक्रिया के बारे में हर कोई पढ़ना चाहेगा। लोग ऐसे योद्धाओं के बारे में भी जानना चाहेंगे, जिन्होंने अपनी इच्छाशक्ति से न सिर्फ इस लाइलाज बीमारी पर विजय प्राप्त की बल्कि घर में रहकर भी बिना परेशान हुए कुछ उल्लेखनीय करके दिखाया।
एक पखवाड़े बाद ऑनलाइन होगी रिपोर्ट
बताया जाता है कि यह अध्ययन शुरू हो गया है और अगले 12 से 15 दिन में इसकी पहली रिपोर्ट ऑनलाइन उपलब्ध करवा दी जाएगी। बाद में एनबीटी की योजना कोरोना स्टडीज सीरीज के अंतर्गत इस पर अलग- अलग हिस्सों में कई किताबें प्रकाशित करने की भी है।
पैनल में शामिल सदस्य मनोचिकित्सक
- डा. जितेंद्र नागपाल
- डा. हर्षिता
- डा. मीना अरोड़ा
- रेखा चौहान
- लेफ्टिनेंट कर्नल तरुण उप्पल
- सोनी सिद्धू
- अपराजिता नागपाल
ई बुक्स के रूप में भी उपलब्ध होगा अध्ययन
कोरोना संक्रमण एक विश्वव्यापी महामारी के रूप में सामने आया है। इसके लक्षण, कष्ट और इसका उपचार सभी अध्ययन का विषय हैं। इस पर तमाम स्तरों पर शोध भी हो रहा है। एनबीटी ने भी इस पर प्रामाणिक अध्ययन कराने की दिशा में पहल की है। यह अध्ययन ई बुक्स के रूप में भी उपलब्ध होगा और सामान्य किताबों के रूप में भी। यह अध्ययन न केवल भावी पीढ़ी को कोरोना से वाकिफ कराएगा अपितु एक दस्तावेज भी साबित होगा।
प्रकाशित किया जाएगा अध्ययन
युवराज मलिक, निदेशक, एनबीटी के मुताबिक, इस अध्ययन को कोरोना स्टडीज सीरीज के तहत प्रकाशित किया जाएगा।
वहीं, प्रो. गोविंद प्रसाद शर्मा (अध्यक्ष, एनबीटी) का कहना है कि यह अध्ययन छात्र छात्राओं के लिए जहां उनके शोध के काम आएगा, बल्कि इसके आधार पर भविष्य में अन्य लेखक भी सहित्य सृजन कर पाएंगे।