Coronavirus: दिल्ली में बढ़ी खाद्य वितरण केंद्रों की संख्या, लोगों को मिलेगी बड़ी राहत
Coronavirusनिजामुद्दीन मरकज जमात कोरोना मामले पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने उपराज्यपाल अनिल बैजल के साथ बैठक की।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। कोरोना वायरस और लॉकडाउन की वजह से लोगों की परेशानी कम करने के लिए दिल्ली सरकार ने खाद्य वितरण केंद्रों की संख्या को 500 से बढ़ाकर 2500 करने का फैसला किया है। इसकी जानकारी उपराज्यपाल ने दी। उन्होंने कहा कि खाद्य वितरण केंद्रों की संख्या को वर्तमान 500 से बढ़ाकर 2500 करने का निर्णय लिया गया है, ताकि लोगों को कोई परेशानी ना हो और लोग शारीरिक दूरी का ध्यान रखें।
एलजी ने ट्वीट कर बताया कि होम क्वारेंटाइन करने वालों पर सख्ती से नजर रखी जा रहे है। उन्होंने बताया कि GNCTD द्वारा 20,000 घरों की पहचान क्वारेंटाइन के लिए की गई है।
इससे पहले कोरोना और निजामुद्दीन मरकज जमात मामले पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उपराज्यपाल अनिल बैजल ने अधिकारियों के साथ बैठक की। मीटिंग में उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन के अलावा दिल्ली सरकार के सभी वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे।
हर परिस्थिति में शारीरिक दूरी का पालन सुनिश्चित करें: अनिल बैजल
इससे पहले सोमवार को भी उपराज्यपाल अनिल बैजल ने मुख्यमंत्री केजरीवाल, उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, अतिरिक्त गृह सचिव, जिला अधिकारी, पुलिस उपायुक्त एवं अन्य सभी संबंधित अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये लॉकडाउन के हालातों की समीक्षा की थी। इस दौरान दिल्ली के मुख्य सचिव, पुलिस आयुक्त और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।
उपराज्यपाल ने जोर देकर कहा कि कोविड-19 के खिलाफ हमारी लड़ाई दो मुख्य स्तंभों पर टिकी है। पहला, सभी घर पर ही रहें और दूसरा, शारीरिक दूरी का पालन करें। हमें पूरी ईमानदारी और दृढ़तापूर्वक इसे लागू करना है। उपराज्यपाल ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के दौरान जिला अधिकारियों और पुलिस उपायुक्तों को विभिन्न निर्देश भी जारी किए।
उन्होंने कहा कि संबंधित प्राधिकरण की अनुमति के बगैर किसी भी आवाजाही की छूट नहीं दी जाए। केवल आवश्यक सेवाओं के लिए ही यह छूट दी जा सकती है। कहीं भी भीड़ एकत्रित न हो और हर तरह की परिस्थिति में शारीरिक दूरी बनाए रखी जाए। आवश्यक सेवाओं के वितरण वाले स्थानों पर इस बात का पूरा ध्यान रखा जाए। डूसिब/नाइट शेल्टर एवं होम शेल्टर या जहां पर भोजन वितरित हो रहा है वहां पर भी शारीरिक दूरी बनाए रखी जाए।
जिला प्रशासन सुनिश्चित करे कि कोई भी भूखा न रहे तथा आवश्यक सेवाओं और वस्तुओं की आपूर्ति बनी रहे। दिल्ली के सीमावर्ती इलाकों सहित अन्य कहीं भी लोगों/प्रवासी मजदूरों की आवाजाही पर पूर्ण प्रतिबंध है। उल्लंघन की स्थिति में संबंधित जिला अधिकारी, पुलिस उपायुक्त जिम्मेदार होंगे। अगर कोई भी प्रवासी मजदूर सड़क पर पाया गया तो उसे नजदीकी आश्रयगृह में ले जाया जाएगा और उसकी सभी तरह की मदद की जाएगी। जिला अधिकारी और पुलिस उपायुक्त के पास आश्रयगृहों की सूची मौजूद होनी चाहिए।
उपराज्यपाल ने कहा कि अंतरराज्यीय सीमा को पूरी तरह सील किया जाना चाहिए, केवल आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति की इजाजत दी जाए। यदि लोग बिना पास के सड़क पर घूमते -फिरते पाए जाते हैं तो उन्हें सड़क से उठाकर नजदीकी शेल्टर होम में क्वारंटाइन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जिला अधिकारी और पुलिस आयुक्त लॉकडाउन को सख्ती से लागू करने के लिए हर स्तर के कर्मचारियों को संवेदनशील बनाएं। उपराज्यपाल ने सभी जिला अधिकारी और पुलिस आयुक्तों को लाकडाउन का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ गाड़ियों को जब्त करने और दोषियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने सहित कठोर कार्रवाई करने के निर्देश भी दिए। उन्होंने कहा कि किसी भी स्थिति में लॉकडाउन का उल्लंघन नहीं होना चाहिए।