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RIP Irrfan Khan: इरफान की आंखों की तरह खामोश लेकिन बहुत कुछ कह रही हैं मंडी हाउस की गलियां

RIP Irrfan Khanतीन साल तक NSD में प्रशिक्षण प्रक्रिया के दौरान अभिनय के मानदंडों पर कसा गढ़ा और बहुत कुछ सीखा जो उनके अभिनय करियर में काम आया।

By JP YadavEdited By: Updated: Wed, 29 Apr 2020 04:57 PM (IST)
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RIP Irrfan Khan: इरफान की आंखों की तरह खामोश लेकिन बहुत कुछ कह रही हैं मंडी हाउस की गलियां

नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। RIP Irrfan Khan: राजस्थान से दिल्ली और फिर यहां नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा से मुंबई जाकर अपने अभिनय के जरिये धाक जमाने वाले इरफान खान (Irrfan Khan) एक बेहतरीन अदाकार और उम्दा इंसान थे। उनके निधन के बाद NSD की वह बगल वाली गली और सामने वाली सड़क भी उदास सी नजर आ रही है। लॉकडाउन के बीच एनएसडी की पीछे वाली गली ही नहीं, मंडी हाउस की हर सड़क-हर गली उदासी में लिपटी नजर आ रही है।

एनएसडी में भविष्य के अभिनेता बनने की तैयारी कर रहे तमाम उभरते कलाकार उन्हें याद कर गमगीन हो रहे हैं।  हों भी क्यों ना... इरफान खान ने NSD से ही ग्रेजुएशन के दौरान एक्टिंग के गुर सीखे और दुनिया में नाम कमाया। इरफान खान अपने अभिनय के सफर की कड़ी में राजस्थान के जयपुर से NSD पहुंचे। यहां पर उन्होंने तीन साल तक प्रशिक्षण प्रक्रिया के दौरान अभिनय के मानदंडों पर खुद को कसा, गढ़ा और बहुत कुछ सीखा, जो उनके अभिनय करियर में काम आया। 

NSD में इऱफान खान के सीनियर उपेंद्र सूद कहते हैं 'वह मुझसे जूनियर थे, लेकिन अभिनय और अन्य कार्यकलापों के दौरान मिलना-जुलना होता रहता था। बेशक अभिनय का दम था उनमें और उन्होंने बॉलीवुड फिल्म इंडस्ट्री में उन्होंने खुद को बेहतरीन अभिनेता साबित भी किया।'

दिल्ली में ही इरफान ने सुपादा सिकंदर से की थी लव मैरिज

NSD में अभिनय के प्रशिक्षण के दौरान दुबले-पतले इरफान खान और सह कलाकार सुताप सिकंदर में प्यार हो गया। कुछ सालों के बाद दिल्ली में ही चंद दोस्तों की मौजूदगी में 23 फरवरी, 1995 को दोनों ने लव मैरिज की थी। दरअसल, साहबजादे यासीन अली खान और सईदा बेगम के बेटे इरफान को एमए करने के दौरान ही नेशनल स्‍कूल ऑफ ड्रामा में पढ़ाई के लिए स्‍कॉलरशिप मिली थी। इसके बाद मंडी हाउस इरफान खान की कर्मस्थली बन गई।

खूब खाए श्रीराम सेंटर के बाहर टी स्टॉल पर समोसे-ब्रेड पकोड़े

अभिनय प्रशिक्षण के दौरान इरफान खान को चाय पीने और समोसे खाने का शौक था। अम्मा टी स्टॉल के साथ श्रीराम सेंटर के बाहर बने समोसे खूब पसंद आते थे। न जाने कितनी शामें अपने साथ अभिनेताओं के साथ घंटों यहां पर गुजारीं और दोस्तों का आज अपनी यादों के सहारे छोड़कर चले गए।

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