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Lockdown Extension: पढ़िए- आखिर दिल्ली में क्यों जरूरी था 2 सप्ताह और लॉकडाउन बढ़ाना

Lockdown Extensionयकृत व पित्त विज्ञान संस्थान (आइएलबीएस) के निदेशक डॉ. एसके सरीन ने दिल्ली सरकार को 2 सप्ताह के लिए लॉकडाउन बढ़ाने का सुझाव दिया था।

By JP YadavEdited By: Updated: Sat, 02 May 2020 08:23 AM (IST)
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Lockdown Extension: पढ़िए- आखिर दिल्ली में क्यों जरूरी था 2 सप्ताह और लॉकडाउन बढ़ाना

नई दिल्ली [रणविजय सिंह]। Lockdown Extension: दिल्ली समेत पूरे देश में लॉकडाउन आगामी 17 मई तक के लिए बढ़ा दिया गया है। राजधानी में तो काफी पहले से लॉकडाउन बढ़ाने की बात चल रही थी, क्योंकि यहां पर एक पखवाड़े के दौरान कोरोना संक्रमण के मामले तेजी से सामने आए है। शुक्रवार को ही 223 नए मामले सामने आए, जिसके बाद दिल्ली में पीड़ितों की संख्या 3700 के पार चली गई है। 

ऐसे में देश की राजधानी दिल्ली में कोरोना के बढ़ते मामलों से विशेषज्ञ भी चिंतित हैं। उन्हें इस बात का अंदेशा है कि यदि दिल्ली में लॉकडाउन खुला तो संक्रमण तेजी से बढ़ सकता है। इस बाबत दिल्ली सरकार द्वारा गठित डॉक्टरों की कमेटी के अध्यक्ष व यकृत व पित्त विज्ञान संस्थान (आइएलबीएस) के निदेशक डॉ. एसके सरीन ने दिल्ली सरकार को सचेत किया था। इसी के साथ उन्होंने दो सप्ताह के लिए लॉकडाउन बढ़ाने का सुझाव दिया था। हालांकि उनकी चिंता यह भी थी कि लंबे होते लॉकडाउन से लोगों का सब्र टूटता जा रहा है। यदि लोगों ने संयम नहीं दिखाया तो दिल्ली मुश्किल में पड़ सकती है।

उन्होंने कहा था कि दिल्ली में तीन मार्च को पहला मरीज सामने आया था। तब से लेकर अब तक करीब आठ सप्ताह हो चुके हैं। लंबे समय से लोग लॉकडाउन में हैं, लेकिन पहले जैसा लोगों में संयम नहीं रहा। डॉक्टर एसके सरीन ने लॉकडाउन बढ़ाने की तर्क दिया था कि लॉकडाउन बढ़ने के बाद आगामी एक पखवाड़े के दौरान दिल्ली में कोरोना का कर्व नीचे आने की उम्मीद है। अभी तो कर्व फ्लैट भी नहीं हुआ है।

पिछले कुछ दिनों से लगातार किसी दिन 100 से ज्यादा तो किसी दिन 200 से ज्यादा मामले आ रहे हैं। 102 सील जोन बन चुके थे, लेकिन यह घटकर फिलहाल 98 पर आ गए हैं।

कंटेनमेंट जोन भी ज्यादा बडे़ नहीं होने चाहिए, क्योंकि बड़े कंटेनमेंट जोन बनाने से भी लोग उसका पालन नहीं करेंगे। बहरहाल, स्वास्थ्य विभाग के आंकडे़ बताते हैं कि 12 अप्रैल के बाद मामले कम हुए थे, लेकिन 21 के बाद मामले अचानक फिर से बढ़ गए। 21 अप्रैल तक 2156 मामले आए थे। इसके बाद 22 से 29 अप्रैल के बीच 59.59 फीसद मामले बढ़ गए और कुल मामले 3439 तक पहुंच गए। इस तरह आठ दिनों में 1283 मामले दर्ज किए गए। इसी आंकडे़ से विशेषज्ञ बेचैन हैं।

दिल्ली में 22 अप्रैल के बाद सामने आए कोरोना के मामले

  • 29 अप्रैल- 125 
  • 28 अप्रैल- 206
  • 27 अप्रैल- 190
  • 26 अप्रैल- 293
  • 25 अप्रैल- 111
  • 24 अप्रैल- 138
  • 23 अप्रैल- 128
  • 22 अप्रैल- 92
  • कुल: 1283
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