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Delhi Red Zones List: पूरी दिल्ली रेड जोन में, नोएडा में भी छूट की आस नहीं; ऑरेंज जोन को मिलेगी ये राहत

Delhi LockDown 3 ग्रीन जोन और ऑरेज जोन में शामिल जिलों कड़ी हिदायत के साथ राहत प्रदान की गई है लेकिन रेड जोन में कोई राहत नहीं मिली है।

By JP YadavEdited By: Updated: Sat, 02 May 2020 07:14 AM (IST)
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Delhi Red Zones List: पूरी दिल्ली रेड जोन में, नोएडा में भी छूट की आस नहीं; ऑरेंज जोन को मिलेगी ये राहत

नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। कोरोना वायरस के संक्रमण के बढ़ते खतरे के मद्देनजर दिल्ली-एनसीआर समेत पूरे देश में लॉकडाउन आगामी 17 मई तक के लिए बढ़ा दिया है। वहीं, ग्रीन जोन और ऑरेज जोन में शामिल जिलों कड़ी हिदायत के साथ राहत प्रदान की गई है, लेकिन रेड जोन में कोई राहत नहीं मिली है। इस लिहाज से दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद, फरीदाबाद, गुरुग्राम, सोनीपत, पलवल को कोई राहत नहीं मिली है। इन इलाकों में उद्योग धंधों को भी कोई राहत नहीं मिली है। 

गौरतलब है कि हरियाणा का गुरुग्राम, फरीदाबाद, नूंह और पलवल रेड जोन की श्रेणी में शामिल है। इसी तरह यूपी का नोएडा-ग्रेटर नोएडा भी रेड जोन में है, जबकि गाजियाबाद और हापुड़ ऑरेंज जोन में हैं।

गाजियाबाद-हापुड़ को राहत

ऑरेंज जोन में शामिल होने के चलते हापुड़ और गाजियाबाद में ओलो-उबर जैसे कैब सेवाएं चलेंगीं।

दिल्ली के लोगों को झटका

वहीं, देश की राजधानी में सभी 11 जिलों में अब तक कुल 98 हॉटस्पॉट हैं। यहां पर सबसे ज्यादा मामले निकलकर सामने आए हैं।

गौरतलब है कि दिल्ली सरकार द्वारा गठित डॉक्टरों की कमेटी के अध्यक्ष व यकृत व पित्त विज्ञान संस्थान (आइएलबीएस) के निदेशक डॉ. एसके सरीन ने भी पिछले दिनों राजधानी में लॉकडाउन बढ़ाने का सुझाव/सिफारिश की थी।

कंटेनमेंट जोन भी ज्यादा बडे़ नहीं होने चाहिए, क्योंकि बड़े कंटेनमेंट जोन बनाने से भी लोग उसका पालन नहीं करेंगे। बहरहाल, स्वास्थ्य विभाग के आंकडे़ बताते हैं कि 12 अप्रैल के बाद मामले कम हुए थे, लेकिन 21 के बाद मामले अचानक फिर से बढ़ गए। 21 अप्रैल तक 2156 मामले आए थे। इसके बाद 22 से 29 अप्रैल के बीच 59.59 फीसद मामले बढ़ गए और कुल मामले 3439 तक पहुंच गए। इस तरह आठ दिनों में 1283 मामले दर्ज किए गए। इसी आंकडे़ से विशेषज्ञ बेचैन हैं।

ग्रीन जोन

दरअसल, ग्रीन जोन वह इलाका/जनपद है, जो कोरोना वायरस संक्रमण से मुक्त है। इस जोन वाले इलाके में कई सारी छूट  दी गई है। जिसमें यात्रा के साथ उद्योग-धंधे खोलना भी शामिल है। वहीं, इन जोन में आने वाले जनपद के जिलाधिकारी अपने विवेक से प्रतिबंधों के बावजूद कुछ आवश्यक फैसले ले सकते हैं। हालांकि, ग्रीन जोन के अंदर जो भी व्यक्ति होम क्‍वारंटाइन रखा गया है, उनको किसी भी व्यक्ति के संपर्क में आने की इजाजत नहीं होगी।

ऑरेंज जोन

ओरेंज जोन का मतलब कोरोना वायरस संक्रमण के कुछ मामले सामने निकलकर आ रहे हैं। इन इलाकों में जिला प्रशासन लॉकडाउन, सील या फिर अन्य एहतियाती कदम उठा सकता है। इस जोन में आने वाले कोरोना संक्रमित इलाकों के अलावा अन्य इलाकों में पाबंदियों पर थोड़ी ढील संभव है। कोरोना संक्रमित इलाकों को छोड़कर अन्य लोगों को जरूरी सामान खरीदने जाने के लिए घर से निकलने की छूट शामिल है। 

रेड जोन

रेड जोन का मतलब है कोरोना वयारस के खतरे वाले इलाके। इस जोन में वो इलाके आते हैं, जहां कई लोग संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं और संक्रमित लोगों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। ऐसे इलाके जिनकी वजह से संक्रमण की संख्या बढ़ने की आशंका हो, वो सभी इलाके रेड जोन में आते हैं। रेड जोन में शामिल सभी इलाकों के लोगों पर पूरी तरह से पाबंदी है। रेज जोन में आने वाले लोगों को घरों से निकलने तक की छूट नहीं होती है। ऐसी स्थिति में आपातकालीन स्थिति के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किया जाता है। जिस पर कॉल करके मदद मांगी जा सकती है। इस जोन में जरूरी चीजों की सप्लाई की जिम्मेदारी प्रशासन के हाथों में रहती है।

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