Coronavirus Positive India: अब पैरों से करें अपने हाथों काे सैनिटाइज, जानें- इस यंत्र के बारे में
Coronavirus Positive India इजीनियर अभिषेक पांडे्य ने अस्पताल में बेकार पड़ी पीवीसी पाइपों से ऐसा यंत्र तैयार कर लिया है जिससे पैरों से ही लोग अपने हाथों को सैनिटाइज कर सकें।
नई दिल्ली [स्वदेश कुमार]। Coronavirus Positive India: आवश्यकता आविष्कार की जननी है, इसी को एक बार फिर साबित किया है स्वामी दयानंद अस्पताल में कार्यरत पूर्वी निगम के एक इंजीनियर ने। इंजीनियर अभिषेक पांडेय के कमाल की अस्पताल के साथ पूर्वी निगम के वरिष्ठ अधिकारी भी प्रशंसा कर रहे हैं। दरअसल उन्होंने अस्पताल में बेकार पड़ी पीवीसी पाइपों के सहारे ऐसा यंत्र तैयार कर लिया है, जिससे पैरों से ही लोग अपने हाथों को सैनिटाइज कर सकेंगे। बुधवार को उनके इस यंत्र को देखने के लिए निगम के बड़े इंजीनियर भी पहुंचे और उनकी सराहना की। अस्पताल प्रशासन ने उन्हें पांच ऐसे यंत्र बनाने के लिए भी कह दिया है जिसे अस्पताल की ओपीडी, इमरजेंसी और अन्य विभागों में जाने वाले द्वार पर लगाया जाएगा।
मूलरूप से इलाहाबाद के रहने वाले अभिषेक पांडेय पूर्वी दिल्ली नगर निगम में जूनियर इंजीनियर के पद पर कार्यरत हैं। फिलहाल उनकी तैनाती स्वामी दयानंद अस्पताल में है। उन्होंने बताया कि अस्पताल प्रशासन इस तरह के यंत्र की तलाश में था, ताकि किसी भी विभाग में आने-जाने वाले मरीज या स्वास्थ्यकर्मी कम से कम अपने हाथों को सैनिटाइज कर लें। इसे देखते हुए उन्होंने पीवीसी पाइपों की मदद से इसे तैयार किया है।
उन्होंने कहा कि अगर नई पाइप भी खरीदनी पड़े तो इसकी लागत डेढ़ हजार से अधिक नहीं आएगी। उन्होंने पाइप के स्टैंड बनाए। मोटे पाइप में छोटे पाइप को लगाया है। छोटे पाइप को ही ऊपरी सिरे और नीचे भी लगाया गया है। पैर से इसे दबाते ही ऊपर लगी पाइप का दबाव डिस्पेंसर के मुंह पर पड़ता है और उससे सैनिटाइजर हाथों में गिरता है।
अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. रजनी खेडवाल ने बताया कि हमने सभी द्वार पर सैनिटाइजर रखे हैं। लेकिन इसका इस्तेमाल बगैर हाथ लगाए नहीं होता है। अगर कई लोग इस पर हाथ लगाएंगे तो संक्रमण की आशंका बनी रहती है। इसे देखते हुए अस्पताल प्रशासन ने निजी कंपनियों से से बातचीत शुरू की जो पैरों से संचालित यंत्र दे सकें। एक कंपनी पांच मशीनें ढाई लाख रुपये में देने के लिए तैयार थी। इस पर विचार चल रहा था। इस बीच अभिषेक पांडेय ने बेकार पड़ी पाइपों से ही यह यंत्र तैयार कर दिया। पेंट करने के बाद तो यह बिल्कुल ही नया दिखने लगा। इसे हम सभी विभाग के द्वार पर लगाएंगे।
वहीं निगम के अधिकारी भी कार्यालयों में इसे लगाने पर विचार कर रहे हैं। बता दें कि कोरोना के संक्रमण काल में स्वामी दयानंद अस्पताल अभी इससे मुक्त है। यह दूसरी बीमारियों से पीड़ित मरीजों के लिए बड़ा आश्रय भी बना हुआ है।