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रमजान को लेकर जेल की रसोई में हिंदू-मुस्लिम की साझा सहरी

जेल प्रशासन की ओर से ऐसे कैदी जो रमजान में रोजा रखते हैं उनके लिए जेल की रसोई में पूरे इंतजाम किए गए हैं। सहरी सुबह तीन बजे परोस दिया जाता है।

By Prateek KumarEdited By: Updated: Sat, 02 May 2020 03:44 PM (IST)
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रमजान को लेकर जेल की रसोई में हिंदू-मुस्लिम की साझा सहरी

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। तिहाड़ जेल की रसोई में इन दिनों देर रात से ही हलचल शुरू हो जाती है। खाना बनाने वाले रसोईयों को इस बात की जल्दी रहती है कि वे जल्द से जल्द अपना कार्य पूरा करें, ताकि रोजा रखने वाले कैदियों को सहरी में कोई दिक्कत नहीं हो। जेल प्रशासन की ओर से ऐसे कैदी जो रमजान में रोजा रखते हैं, उनके लिए जेल की रसोई में पूरे इंतजाम किए गए हैं। सहरी सुबह तीन बजे परोस दिया जाता है।

मुस्‍लिम के साथ हिंदू भी रख रहे रोजा
जेल प्रशासन के अनुसार, रोजा रखने वाले कैदियों में मुस्लिमों के साथ-साथ कई हिंदू भी हैं। सहरी हो या इफ्तार से जुड़ा इंतजाम, रसोई में इनसे जुड़ी तैयारी में हिंदू व मुस्लिम कैदी दोनों साथ-साथ हिस्सा लेते हैं। आपसी सहयोग से ही यह कार्य किया जाता है।

इफ्तार में परोसा जा रहा पकौड़ा

जानकारी के अनुसार, सहरी सुबह परोसा जाता है, वहीं इफ्तार के लिए शाम पांच बजे तक सारे इंतजाम पूरे कर लिए जाते हैं। इफ्तार में पकौड़ा परोसा जा रहा है और खजूर की भी व्यवस्था की गई है। इसके बाद जेल मैनुअल के हिसाब से कैदियों को खाना दिया जाता है। जेल की कैंटीन में इन दिनों दूध, फल का विशेष प्रबंध है। रमजान में इनकी मांग कैदियों के बीच अधिक रहती है।

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