Move to Jagran APP

रामायण से नेतृत्व पाठ से मिली रही प्रेरणा, सबने कहा- संकट के दौर में भी मिल रही उबरने की सीख

लेखक शांतनु गुप्ता ने कहा कि रामायण के कई प्रसंग व घटनाओं से हमें कई प्रबंधक सिद्धांत की परिभाषा मिलती है जिसे हम कॉरपोरेट जगत में भी अपना सकते हैं।

By Prateek KumarEdited By: Updated: Sun, 03 May 2020 04:03 PM (IST)
Hero Image
रामायण से नेतृत्व पाठ से मिली रही प्रेरणा, सबने कहा- संकट के दौर में भी मिल रही उबरने की सीख
नई दिल्ली [राहुल मानव]। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के स्कूल ऑफ संस्कृत एंड इंडिक स्टडीज और स्कूल ऑफ लैंग्वेज व लिटरेचर एंड कल्चरल स्टडीज की तरफ से शनिवार को दो दिवसीय रामायण से नेतृत्व पाठ- वेबिनार की शुरुआत की गई। जेएनयू के कुलपति प्रो. एम जगदीश कुमार ने इस कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए उद्घाटन सत्र में कहा कि भगवान राम से हम सभी को काफी कुछ सीख मिलती है।

रामायण में कई ऐसे प्रसंग व घटनाएं हैं, जिससे हमें मौजूदा समय के इस संकट भरे दौर से उबरने की सीख मिलती है। कोविड-19 के लिए सभी संस्थान व एजेंसी दवा की खोज कर रहे हैं, वहीं रामायण से हमें इन परिस्थितियों से उबरकर नई जिंदगी की तरफ ले जाने की राह मिलती है और प्रेरणा भी मिलती है। इसी उद्देश्य से यह वेबिनार जूम एप से आयोजित किया जा रहा है।

इस वेबिनार में लेखक व राजनीतिक विश्लेषक एवं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की जीवनी-एक महंत जो मुख्यमंत्री बने (द मोंक हू बीकम चीफ मिनिस्टर) किताब लिख चुके शांतनु गुप्ता ने दो घंटे तक इस कार्यक्रम में रामायण की विभिन्न घटनाओं को समायोजित करते हुए उसे नई ऊर्जावान रूपरेखा में प्रदशित करते हुए लोगों को प्रस्तुति दी। दो घंटे के वेबिनार में 450 लोगों ने हिस्सा लिया।

अपनी विशेषज्ञता को जरूर विकसित करें

लेखक शांतनु गुप्ता ने कहा कि रामायण के कई प्रसंग व घटनाओं से हमें कई प्रबंधक सिद्धांत की परिभाषा मिलती है, जिसे हम कॉरपोरेट जगत में भी अपना सकते हैं। उन्होंने रामायण की विभिन्न घटनाओं से ऐसे ही सिद्धांतों को उदाहरण पेश करते हुए बताया और विस्तार से समझाया भी। उन्होंने बताया कि विशेषज्ञ को राजा भी मूल्यवान मानते हैं। इसलिए अपनी विशेषज्ञता को जरूर विकसित करें। 

विशेषज्ञ बनना चाहते हैं तो ऋषि ऋष्यसृंगा की तरह बनें। ऋषि ऋष्यसृंगा वाल्मीकि रामायण में एक पात्र रहे हैं और वे राजा दशरथ को परामर्श देते थे। उन्होंने इस प्रसंग को इस बात से जोड़ा कि चाहे प्रधानमंत्री हों, मुख्यमंत्री हों या कोई भी बड़े पद पर लोग हों। उन्हें हमेशा अच्छी परामर्श देने के लिए बेहतरीन व उम्दा विशेषज्ञ की अवश्य जरूर होती है। इसी तरह से उन्होंने अवगत कराया कि हमेशा बड़े दीर्घकालिक उद्देश्य को जीवन में देखें। कम समय के लाभ व उससे जुड़ी भावनाओं को महत्व न दें।

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।