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Lockdown3: दिल्ली में फंसे प्रवासी लोगों से सरकार पूछेगी 'मन की बात', 9 अफसरों की लगाई ड्यूटी

Coronavirus Lockdown दिल्ली सरकार ने ऐसे लोगों की समस्याएं व इच्छा जानने की जिम्मेदारी 9 आइएएस को सौंपी है। बहुत से लोग किराये पर रहते हैं।

By Mangal YadavEdited By: Updated: Mon, 04 May 2020 01:59 PM (IST)
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Lockdown3: दिल्ली में फंसे प्रवासी लोगों से सरकार पूछेगी 'मन की बात', 9 अफसरों की लगाई ड्यूटी
नई दिल्ली [वीके शुक्ला]। कोरोना वायरस के चलते लगाए गए लॉकडाउन से बेरोजगार हुए लोगों से दिल्ली सरकार राय ले रही है कि क्या वे अपने घर जाना चाहते हैं और क्यों। यहां क्या परेशानी है। इस सर्वे के आधार पर एक लिस्ट तैयार की जाएगी। लॉकडाउन के कारण दिल्ली में लाखों लोग बेरोजगार हो गए हैं। इसमें बड़ी संख्या में उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, मध्य प्रदेश और राजस्थान के लोग शामिल हैं।

दिल्ली सरकार ने ऐसे लोगों की समस्याएं व इच्छा जानने की जिम्मेदारी 9 आइएएस को सौंपी है। बहुत से लोग किराये पर रहते हैं। वहीं 15 हजार लोग रैन बसेरों और शेल्टर होम में रह रहे हैं। वैसे सरकार का कहना है कि जब तक लॉकडाउन रहेगा सभी का खर्च उठाया जाएगा। मगर सरकार किसी को जबरन रोकना भी नही चाहती है। सर्वे में लोगों से उनके राज्य का स्थायी पता व मोबाइल नंबर लिया जा रहा है। उनसे यह भी पूछा जा रहा है कि क्या वे गांव जाना चाहते हैं।

सर्वे किया गया शुरू

दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड के 148 रैन बसेरा में करीब 7000 लोग रह रहे हैं। यहां कराए गए सर्वे में 500 से अधिक लोगों ने अपने गांव जाने की इच्छा जताई है। वहीं दिल्ली सरकार के 136 स्कूलों में बनाए गए शेल्टर होम में रहने वाले 8 हजार लोगों का सर्वे शुरू किया गया है जो अभी फाइनल नहीं हुआ है।

बिहार के रहने वाले राजेश कुमार यहां पल्लेदारी का काम करते थे। इनका कहना है कि घर से फोन आ रहा है कि घर आ जाओ। वहीं उप्र के बाराबंकी के रहने वाले रामसमूझ जो यहां एक दुकान में काम करते थे। इनके घर वाले भी फोन कर रहे हैं कि आ जाओ यहां हम गुजारा कर लेंगे। जब दिल्ली में स्थिति सही होगी तो चले जाना।

बता दें कि लॉकडाउन की वजह से यूपी-बिहार और झारखंड के हजारों लोग फंसे हुए हैं। कंपनियां बंद होने से लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। 

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