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Boys Locker Room Scandal: ब्वॉयज लॉकर रूम की घटना ने उड़ाए पैरेंट्स के होश, पढ़िए- क्या करें मां-बाप

Boys Locker Room Scandal डॉ. केपी राणा (मनोचिकित्सक) का कहना है कि अश्लील फिल्म देखना बीमारी नहीं है बल्कि यह एक तरह की युवाओं में लत है। इसे आसानी से छुड़ाया जा सकता है।

By JP YadavEdited By: Updated: Wed, 06 May 2020 07:37 AM (IST)
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Boys Locker Room Scandal: ब्वॉयज लॉकर रूम की घटना ने उड़ाए पैरेंट्स के होश, पढ़िए- क्या करें मां-बाप
नई दिल्ली [लोकेश चौहान]। Boys Locker Room Scandal : इंस्टाग्राम पर ब्वॉयज लॉकर रूम नाम से एकाउंट बनाकर छात्रों द्वारा अश्लील चैटिंग और छात्राओं की अश्लील फोटो शेयर की जाती थी। इस मामले में पुलिस ने एक छात्र को दबोचकर उसका मोबाइल जब्त कर लिया है, जबकि 20 अन्य छात्रों की पहचान की जा चुकी है। ये सभी छात्र दक्षिण दिल्ली के रहने वाले हैं और एक नामी पब्लिक स्कूल में दसवीं के छात्र हैं। वहीं, इस मामले के सामने आने के बाद लाखों माता-पिता की चिंताएं बढ़ गई हैं।

अश्लील फिल्म देखना बीमारी नहीं

वहीं, इस पूरे मुद्दे पर डॉ. केपी राणा (मनोचिकित्सक) का कहना है कि अश्लील फिल्म देखना किसी तरह की बीमारी नहीं है, बल्कि यह एक तरह की युवाओं में लत है। इसे आसानी से छुड़ाया जा सकता है। दरअसल, बच्चों में जब हार्मोस में बदलाव शुरू होता है, तो विपरीत लिंग के प्रति उनकी रुचि बढ़ने लगती है। इसे लेकर वह अपने साथियों से अश्लील बातें, तस्वीरें और वीडियो शेयर करने लगते हैं।

अकेले में न छोड़ें बच्चों को

अश्लील फिल्में देखने और उसकी तलाश में छात्र लड़कियों के नाम से फेक प्रोफाइल बनाकर ऐसे ही लोगों का ग्रुप बना लेते हैं। ऐसे बच्चे अकेले में फोन पर अक्सर पोर्न देखते हैं। ऐसे में बच्चों को अकेला नहीं छोड़ना चाहिए। इसके साथ ही बच्चों के स्मार्टफोन पर अभिभावकों को नजर रखनी चाहिए और समय-समय पर इसे चेक करते रहना चाहिए। 

दिल्ली पुलिस कर रही पूरे मामले की जांच

बता दें कि सोमवार सुबह ब्वॉयज लॉकर रूम को लेकर ट्विटर पर ट्रेंड चलने लगा था। इस ग्रुप में अश्लील चैटिंग की जा रही थी। यह देख एक ट्विटर यूजर ने ग्रुप का स्क्रीन शॉट लेकर सोशल मीडिया पर डाल दिया। इसके बाद छात्रों की करतूत हर किसी के सामने आ गई। दिल्ली पुलिस ने स्वत: संज्ञान लेकर मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी।

दिल्ली पुलिस का कहना है कि इस ग्रुप में छात्र छोटी-छोटी छात्राओं की फोटो डाल अश्लील बातें कर रहे थे। वे लड़कियों की जिंदगी खराब करने से लेकर दुष्कर्म करने तक की बात कर रहे थे। डीसीपी साइबर सेल अन्येश रॉय का कहना है कि मामला सामने आते ही इंस्टाग्राम को पत्र लिख ग्रुप को डिलीट करा दिया गया।

उधर इस मामले में दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवल ने इंस्टाग्राम को नोटिस भेज ग्रुप के एडमिन व सदस्यों की जानकारी के साथ ही यूजर्स नेम, हैंडल नेम, ईमेल आइडी, आइपी एड्रेस व लोकेशन आदि की जानकारी मांगी है। इंस्टाग्राम को पूरी जानकारी 8 मई तक मुहैया कराने को कहा गया है। इसके साथ छात्रों के परिजन की भी जानकारी मांगी गई है।

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