Corona Warriors: कोरोना की लड़ाई में खुद चुन लिया जंग का मैदान, पढ़ें वॉरियर्स की जुबानी
Corona Warriors मोनिका ने बताया कि पीपीई किट पहनने में 20 से 25 मिनट लगते है। छह घंटे की ड्यूटी के दौरान न तो पानी पी सकते हैं और न ही टॉयलेट जा सकते हैं।
By Mangal YadavEdited By: Updated: Wed, 06 May 2020 03:54 PM (IST)
नई दिल्ली [रीतिका मिश्र]। वैश्विक महामारी कोरोना से लड़ने में सबसे अहम भूमिका स्वास्थ्य कर्मियों की है। इस महामारी को हराने की जंग में ये योद्धा की तरह आगे की कतार में खड़े हैं। हफ्तों से परिवार से दूर ये योद्धा दिन-रात कोरोना से जंग लड़ रहे हैं। इनमें से कुछ ऐसे भी हैं जो कोरोना की लड़ाई में स्वेच्छा से अपना योगदान दे रहे हैं। इनमें से एक हैं एम्स में ट्रामा सेंटर के कोविड-19 आइसीयू में कोरोना संक्रमितों के उपचार में लगी नर्सिग अधिकारी मोनिका शर्मा।
एम्स से ही नर्सिग की ट्रेनिंग कर चुकी मोनिका बताती हैं कि वह 28 अप्रैल से कोरोना संक्रमित मरीजों के उपचार में लगीं हैं। उन्होंने बताया कि ट्रामा सेंटर के आइसीयू में संक्रमित मरीजों के इलाज के लिए ड्यूटी करने के लिए खुद अपने अधिकारी से बात की। ड्यूटी से पहले वह एक पीजी में रहती थीं। मोनिका बताती हैं कि उनके माता-पिता करनाल, हरियाणा में रहते हैं। जब उन्होंने अपने पिता को इस बारे में बताया तो वो पहले थोड़ा सहम गए बाद में खुद ही मोनिका की हौसला अफजाई की।
पीपीई किट पहनकर काम करने पर होता है गर्व
मोनिका ने बताया कि पीपीई किट पहनने में 20 से 25 मिनट लगते है। छह घंटे की ड्यूटी के दौरान न तो पानी पी सकते हैं और न ही टॉयलेट जा सकते हैं। बताती हैं कि किट पहनकर काम करने में शुरुआत में परेशानी के साथ थोड़ा असहज महसूस हुआ था, क्योंकि लगातार मास्क पहने रहने से चेहरे पर कई निशान बनने लगे थे। लेकिन, अब गर्व महसूस हो रहा है कि देश के लिए कर्तव्य निभा रहे
बता दें कि दिल्ली में कोरोना मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। अब तक पांच हजार से ज्यादा मरीज हो चुके हैं। मरीजों का अलग-अलग अस्पतालों में इलाज चल रहा है। कोरोना मरीजों का इलाज करने वाले डॉक्टर घर नहीं जा पा रहे हैं।
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