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Boys Locker Room Chat Case: 2 वकीलों ने HC को लिखा खत- ब्वायज लॉकर रूम ग्रुप केस गंभीर, कोर्ट ले स्वतः संज्ञान

Boys Locker Room Chat Case इंस्टाग्राम पर ब्वॉयज लॉकर रूम ग्रुप में अश्लील चैटिंग केस में दिल्ली पुलिस की साइबर सेल ने ग्रुप एडमिन नोएडा निवासी छात्र को गिरफ्तार कर लिया है।

By JP YadavEdited By: Updated: Thu, 07 May 2020 08:44 AM (IST)
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Boys Locker Room Chat Case: 2 वकीलों ने HC को लिखा खत- ब्वायज लॉकर रूम ग्रुप केस गंभीर, कोर्ट ले स्वतः संज्ञान
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। Boys Locker Room Chat Case: अधिवक्ता नीला गोखले और इलम परीधि ने दिल्ली हाई कोर्ट के मुख्य न्यायमूर्ति डीएन पटेल को पत्र लिखा है। इसमें ब्वायज लॉकर रूम ग्रुप मामले को गंभीर बताते हुए स्वत: संज्ञान लेने की मांग की है। पत्र में कहा कि ग्रुप में नाबालिग और कम उम्र की लड़कियों के साथ ही दुष्कर्म एवं यौन उत्पीड़न के तरीकों पर चर्चा की गई है। वर्चुअल प्लेटफॉर्म लोगों को सीखने और खुद को विकसित करने का स्थान है। यहां अपमानजनक संदेशों को फैलाने की अनुमति नहीं दी जा सकती है।

वहीं,  इंस्टाग्राम पर ब्वॉयज लॉकर रूम ग्रुप में अश्लील चैटिंग केस में दिल्ली पुलिस की साइबर सेल ने ग्रुप एडमिन नोएडा निवासी छात्र को गिरफ्तार कर लिया है। 19 वर्षीय छात्र नोएडा में परिवार के साथ रहता है और नामी पब्लिक स्कूल में 12वीं का छात्र है।

छात्र से की जा रही पूछताछ

वहीं, गिरफ्तारी के बाद इस बालिग छात्र को रिमांड पर लेकर दिल्ली पुलिस पूछताछ कर रही है।  साथ ही दिल्ली पुलिस अब पत्र लिखकर सीबीएसई बोर्ड को छात्र के बारे में जानकारी देने की तैयारी कर रही है। इससे पहले मंगलवार को दसवीं के छात्र को पुलिस ने गिरफ्तार किया था, जिसे बाल सुधार गृह में भेज दिया गया है।

साथी सदस्य नहीं जानते ग्रुप एडमिन के बारे में

पुलिस अधिकारी के मुताबिक ग्रुप में शामिल सभी छात्र एडमिन के परिचित नहीं हैं। कुछ छात्रों को उसने दोस्तों के कहने पर ग्रुप में जोड़ा था। ग्रुप में शामिल 27 छात्रों की पहचान कर ली गई है, जो दसवीं व 12वीं के छात्र हैं और दिल्ली -नोएडा में रहते हैं। पकड़े गए दोनों छात्रों सहित 15 छात्रों से पुलिस पूछताछ कर रही है। इनके मोबाइल फोन जब्त कर लिए गए हैं। पूछताछ में कुछ छात्रों ने बताया है कि उन्हें पता नहीं था कि ब्वॉयज लॉकर रूम में क्यों जोड़ा गया। ग्रुप से जुड़ने के बाद पता चला कि उसमें अश्लील बातें की जा रही हैं। पुलिस को जांच में पता चला है कि ग्रुप में छह छात्र बालिग हैं। इसमें एक की गिरफ्तारी के बाद अन्य की तलाश है। मोबाइलों से ग्रुप व डेटा को डिलीट कर दिया गया है। इसकी पुन: प्राप्ति के लिए पुलिस ने उनके मोबाइल फोन को फोरेंसिंक साइंस लैब में भेजा है।

आइपीसी की इन धाराओं में दर्ज हुआ केस

धारा 465: जालसाजी

धारा 471: किसी कूटरचित दस्तावेज या इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड का इस्तेमाल करना

धारा 469: किसी की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने के मकसद से जालसाजी करना

धारा 509: किसी महिला का अपमान करने के लिए कोई शब्द का इस्तेमाल करना

आइटी एक्ट का सेक्शन 67: इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म में कोई अश्लील सामग्री को प्रकाशित करना

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