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दक्षिणी दिल्ली पुलिस ने लांच किया आयुर्रक्षा रथ, पुलिसकर्मियों को मिलेंगी मेडिकल सुविधाएं

क्षिणी दिल्ली पुलिसकर्मियों के लिए जिला पुलिस ने आयुर्रक्षा रथ लांच किया है। इस रथ का संचालन जिला पुलिस और आयुष मंत्रालय के निर्देशन में होगा।

By Mangal YadavEdited By: Updated: Thu, 07 May 2020 11:01 AM (IST)
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दक्षिणी दिल्ली पुलिस ने लांच किया आयुर्रक्षा रथ, पुलिसकर्मियों को मिलेंगी मेडिकल सुविधाएं
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। दक्षिणी दिल्ली पुलिसकर्मियों के लिए जिला पुलिस ने आयुर्रक्षा रथ लांच किया है। संयुक्त पुलिस आयुक्त दक्षिणी रेंज देवेश चंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि आयुष मंत्रालय के साथ पुलिसकर्मियों के स्वास्थ्य लाभ और उनके प्रतिरक्षा तंत्र को मजबूत करने के लिए यह आयुष रथ बनाया गया है।

इस मॉडिफाइड पुलिस वैन में निजी सुरक्षा संयत्रों के अतिरिक्त पुलिस कर्मियों के प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाने के लिए खाद्यान सामग्री वैन में रखी गई है।

यह रथ दक्षिणी जिले में तैनात पुलिसकर्मियों को विटामिन-सी जिंक टैबलेट समेत अन्य कई मेडिकल सुविधाएं उपलब्ध कराएंगी। इस रथ का संचालन जिला पुलिस और आयुष मंत्रालय के निर्देशन में होगा। इस दौरान आयुष पुलिसकर्मियों के स्वास्थ्य के लिए सामग्री उपलब्ध कराएगा। संयुक्त पुलिस आयुक्त दक्षिणी रेंज देवेश चंद्र श्रीवास्तव ने हरी झंडी दिखाकर आयुर्रक्षा रथ को रवाना किया, और इस कार्य के लिए दक्षिणी दिल्ली डीसीपी अतुल कुमार ठाकुर की सराहना की।

बच्चों का टीकाकरण सुनिश्चित करने का आदेश

लॉकडाउन के कारण नियमित टीकाकरण से महरूम हुए बच्चों को टीका लगवाने के लिए दिल्ली सरकार ने अहम कदम उठाया है। सरकार ने सभी जिला टीकाकरण अधिकारियों को निर्देश दिया है कि जिन बच्चों को टीका नहीं लग पाया है उन सबकी सूची तैयार की जाए। साथ ही उन बच्चों को जल्द टीके भी लगाए जाएंगे। बच्चों को टीका लगवाने के लिए माता-पिता अपने इलाके के आशा वर्कर से संपर्क कर सकते हैं।

इसके अलावा नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर जाकर टीका लगवा सकते हैं। दरअसल, टीकाकरण में कुछ समस्याएं आ रही थीं। इसका एक कारण यह है कि आशा वर्कर व एनएनएम को कोरोना की रोकथाम के लिए सर्विलांस टीम में भी शामिल किया गया है। इस वजह से आशा वर्कर टीकाकारण के लिए बच्चों का फालोअप नहीं कर पा रही थीं। हालांकि जो लोग स्वयं स्वास्थ्य केंद्रों पर पहंच रहे थे उनके बच्चों को टीका लगाया जा रहा था। इसके अलावा सभी अस्पतालों व प्रसव केंद्रों पर जन्म के बाद बच्चों को पोलियो, हेपेटाइटिस बी व बीसीजी के टीके लगाए जा रहे हैं।

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