दिल्ली कांग्रेस चीफ का जिलाध्यक्षों को फरमान, एक-एक लाख रुपये जुटाओ
प्रदेश अध्यक्ष अनिल चौधरी को जब यह जिम्मेदारी मिली तो उन्होंने आनन-फानन में जिलाध्यक्षों के साथ बैठक कर सभी को एक-एक लाख रुपये जमा करने का फरमान सुना दिया।
By JP YadavEdited By: Updated: Thu, 07 May 2020 12:15 PM (IST)
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी (Congress president Sonia Gandhi) ने देश के अलग-अलग हिस्सों में फंसे प्रवासी मजदूरों से रेलवे द्वारा किराया वसूले जाने पर दुख प्रकट हुए एलान किया कि अब इन मजदूरों के लौटने पर होने वाले खर्च को कांग्रेस पार्टी की प्रदेश इकाइयां वहन करेंगी। इस आदेश के बाद दिल्ली प्रदेश कांग्रेस में हलचल मच गई है। प्रदेश अध्यक्ष अनिल चौधरी को जब यह जिम्मेदारी मिली तो उन्होंने आनन-फानन में जिलाध्यक्षों के साथ बैठक कर सभी को एक-एक लाख रुपये जमा करने का फरमान सुना दिया।
वहीं, बताया जा रहा हैकि जिलाध्यक्ष इस फरमान से तिलमिला उठे हैं। जिलाध्यक्षों का आरोप है कि इससे पहले वह अपने खर्चे पर ही 'कांग्रेस की रसोई' व 'सैनिटाइजेशन अभियान' चला रहे थे, अब अचानक से एक-एक लाख रुपये देने के इस फरमान ने उनके हौसले पस्त कर दिए हैं।इस बाबत जिलाध्यक्षों का कहना है कि हर तरफ से उनके ऊपर ही दबाव डाला जाता है। दूसरी तरफ दिल्ली कांग्रेस के एक पदाधिकारी ने इस मसले पर स्पष्टीकरण देते हुए कहा है कि एक-एक लाख रुपये जिलाध्यक्ष को अकेले नहीं देने हैं बल्कि अपने ब्लॉक अध्यक्षों, क्षेत्र के पूर्व एमएलए, जो चुनाव लड़ चुके हैं उनसे लिया जा सकता है। सब मिला कर अगर जोड़ा जाए तो कम से कम दो दर्जन ऐसे लोग होंगे, जिनसे पैसा लिया जा सकता है। अमुक पदाधिकारी का कहना है कि यह आदेश हाईकमान का है, इसलिए इसमें किसी तरह की कोताही नहीं बरती जा सकती है। जिलाध्यक्षों को बस पैसा जमा करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
बता दें कि देशभर में प्रवासी मजदूरों के अपने गृह जिले/प्रदेश भेजे जाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। इस बाबत रेलवे श्रमिक स्पेशल ट्रेनें भी चला रहा है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी एलान कर चुकी हैं कि प्रवासी मजदूरों की घरवापसी का किराया पार्टी देगी।
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