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Delhi Lockdown 4.0: दिल्ली में फिर आया मौसम मौसमी का, जूस की दुकान छोड़ घरों में खूब पहुंच रही है

Delhi Lockdown 4.0 दुकानों पर जाकर जूस पीने वाले अब घरों में जूस निकाल रहे हैं साथ ही इसे मुंह से चूस भी रहे हैं।

By JP YadavEdited By: Updated: Sat, 30 May 2020 10:55 AM (IST)
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Delhi Lockdown 4.0: दिल्ली में फिर आया मौसम मौसमी का, जूस की दुकान छोड़ घरों में खूब पहुंच रही है

नई दिल्ली, जेएनएन। Delhi Lockdown 4.0: कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए रोग प्रतिरोधक क्षमता ज्यादा होनी चाहिए। इस कार्य को मौसमी का जूस बखूबी अंजाम देती है। ऐसे में लॉकडाउन के हालात जैसे ही थोड़े सामान्य हुए तो मौसमी की मांग, आवक और कीमत सब कुछ में इजाफा हो गया। बस अंतर यह हुआ कि मौसमी के खपत की दिशा बदल गई। पहले जहां यह जूस की दुकानों पर सजती थी वहीं अब यह घर-घर की शोभा बन रही है। दुकानों पर जाकर जूस पीने वाले अब घरों में जूस निकाल रहे हैं साथ ही इसे मुंह से चूस भी रहे हैं। हालांकि लॉकडाउन-4 में जूस की दुकानें खुलने भी लगी हैं लेकिन जूस के कद्रदान और स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहने वाले उस रास्ते नहीं जा रहे हैं। लिहाजा मौसमी की करीब 90 फीसद खपत अब घरों में ही हो रही है।

लॉकडाउन की शुरूआत होते ही लोग घरों में कैद हो गए। लॉकडाउन-एक व दो में अधिकतर लोग मौसमी खरीदने घरों से निकलते ही नहीं थे। आवक भी कम हो गई थी। जिससे इसकी कीमत 25-30 रुपये तक पहुंच गई थी, लेकिन अब चिकित्सकों की सलाह से इसके गुणों पर लोगों का ध्यान गया, आवक की कठिनाइयां भी दूर हुईं। जिससे इसकी मांग अचानक बढ़ गई और खुदरा कीमत 40 से 60 रुपये तक पहुंच गई है।

बृहस्पतिवार को मंडी में मौसमी की आवक 730 टन से अधिक रही। यहां अच्छे किस्म की मौसमी का थोक भाव 28 रुपये और न्यूनतम 08 रुपये प्रतिकिलो रहा। हालांकि बीते वर्ष मई, जून माह में थोक में 30 से 50 रुपये प्रतिकिलो तक थोक में कीमत थी। इस वर्ष मार्च में मौसमी की आवक बढ़नी शुरू हुई थी लेकिन लॉकडाउन के चलते 25 से 31 मार्च के बीच आवक बहुत ही कम रही। 31 मार्च को मंडी में मात्र 3.7 टन आवक रही थी। एक अप्रैल से आवक बढ़ी।

महाराष्ट्र और आंधप्रदेश से आता है मौसमी

दिल्ली व एनसीआर के विभिन्न हिस्सों सहित पंजाब और उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों में मौसमी आजादपुर मंडी से भेजी जाती है। आजादपुर में मुख्य रूप से आंध्र प्रदेश और महाराष्ट्र से मौसमी आती है। इसका सीजन मार्च अक्टूबर-नवंबर तक रहता है। इस बार मौसमी की पैदावार अच्छी हुई है। अभी ताजी मौसमी बाजार में आ रही है।

लॉकडाउन की शुरूआत होते ही मौसमी की मांग एकदम घट गई थी क्योंकि जूस की दुकानें बंद हो गईं लेकिन अब लोगों ने घरों में मौसमी का उपयोग करना शुरू कर दिया है। यही कारण है कि मांग धीरे-धीरे बढ़ गई है। आने वाले दिनों में इसमें और वृद्धि होगी। -शहाबुद्यीन -मौसमी के थोक कारोबरी, आजादपुर मंडी।

कुछ समय पहले मौसमी की खुदरा कीमत मांग में कमी की वजह से काफी कम हो गई थी। लेकिन अब मांग बढ़ने पर इसकी कीमत 50 से 60 रुपये प्रतिकिलो है। -प्रेम, खुदरा दुकानदार

कोरोना संक्रमण से बचने के लिए अब काफी लोग मौसमी खरीद रहे हैं। लॉकडाउन की शुरूआत में पूरे दिन में 25 से 30 किलो मौसमी ही बेच पाते थे लेकिन अब एक दिन में एक क्विंटल तक की बिक्री हो रही है। कई बार इससे भी ज्यादा हो जाती है। -नौलखा, खुदरा दुकानदार, डाबड़ी।

पहले जूस के दुकानदार मौसमी खरीदते थे लेकिन अब लोग घरों में मौसमी ले जा रहे हैं। ताजा मौसमी 60 रुपये और पुरानी 40 रुपये किलो बेच रहे हैं। -कन्हैया लाल, फल विक्रेता निर्माण विहार।

मौसमी में विटामिन सी भरपूर मात्रा होती है। मैं लॉकडाउन से पहले पार्क के बाहर रेहड़ी पर जूस पीती थी लेकिन अब एक बोरी मौसमी घर ले आई हूं और रोजाना जूस निकालकर पीती हूं। मीठी खुशबू और एसिड की मात्रा के चलते इससे पाचन क्रिया ठीक रहती है। - प्रीति शर्मा, मंडावली

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