Special Corona Fees on Liquor in Delhi: दिल्ली सरकार ने मई महीने में कोरोना सेस से कमाए 161 करोड़ रुपये
Special Corona Fees on Liquor in Delhi शराब कारोबियों का कहना है कि करोना सेस की वजह से दिल्ली में शराब की ब्रिकी घट रही है ऐसे में जल्द ही सरकार इस पर कोई फैसला ले सकती है।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। Special Corona Fees on Liquor in Delhi: दिल्ली सरकार को शराब पर लगाए गए कोरोना सेस से 24 दिनों में 161 करोड़ रुपये मिले हैं। दिल्ली सरकार ने 4 मई से 30 मई तक 234 करोड़ 54 लाख 52 हजार 485 रुपये की शराब बेची। 7 मई और 25 मई को ड्राइ डे के चलते शराब की दुकानें बंद थीं। दिल्ली सरकार ने 5 मई को शराब के सभी ब्रांड की एमआरपी पर 70 फीसद कोरोना सेस लगा दिया था। इसके बाद दिल्ली सरकार ने 230 करोड़ 5 लाख 25 हजार 200 रुपये की कुल शराब बेची है। इस पर अलग से दिल्ली सरकार को 70 फीसद कोरोना सेस करीब 161 करोड़ 3 लाख 67 हजार 709 रुपये लिया है। दिल्ली सरकार इस सप्ताह शराब पर से कोरोना सेस हटा सकती है। दरअसल शराब कारोबियों का कहना है कि करोना सेस की वजह से दिल्ली में शराब की ब्रिकी घट रही है।
वहीं, कोरोना को लेकर लगाए गए लॉकडाउन के चलते आर्थिक तंगी से जूझ रही दिल्ली सरकार ने केंद्र से तुरंत 5 हजार करोड़ रुपये की राशि उपलब्ध कराने की मांग की है। दिल्ली सरकार ने कहा है कि वेतन के लिए भी पैसे नहीं हैं। इसलिए यह राशि अविलंब उपलब्ध करा दी जाए। उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने इस बारे में केंद्रीय वित्तमंत्री को पत्र लिखा है। रविवार को डिजिटल प्रेसवार्ता में सिसोदिया ने बताया कि कि दिल्ली सरकार ने अपने न्यूनतम खर्च की समीक्षा की है। इसके अनुसार केवल वेतन तथा कार्यालयों के रखरखाव पर न्यूनतम 3500 करोड़ का मासिक खर्च है। विगत दो माह में जीएसटी से मात्र 500 करोड़ मासिक का संग्रह हुआ है। जीएसटी तथा अन्य स्त्रोत मिलाकर प्रथम तिमाही में कुल 1735 करोड़ रुपये का संग्रह हुआ है। पिछले साल इस अवधि में 7799 करोड़ का राजस्व संग्रह हुआ था। इस साल राजस्व में 78 फीसद की गिरावट आई है। वर्तमान में दिल्ली को न्यूनतम 5000 करोड़ की आवश्यकता है।उन्होंने कहा कि आपदा राहत कोष से अन्य राज्यों को केंद्र सरकार से मदद मिली है, लेकिन दिल्ली सरकार को कोई मदद नहीं मिली। सामान्य तौर पर भी केंद्र द्वारा दिल्ली सरकार को कोई आर्थिक सहायता नहीं दी जाती है। लेकिन, अब जबकि दिल्ली में राजस्व संग्रह नहीं हो रहा, तब केंद्र से मदद मिलना जरूरी है।