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2018 Delhi Burari Deaths: 2 साल बाद खत्म हो चुकी है दहशत पर कभी नहीं भुला पाएंगे बुराड़ी फांसी कांड

2018 Delhi Burari Deaths परिवार के बचे 2 सदस्यों में से एक दिनेश चुड़ावत के इस मकान में मोहन सिंह कश्यप अपने परिवार के साथ रहते हैं।

By JP YadavEdited By: Updated: Wed, 01 Jul 2020 08:07 PM (IST)
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2018 Delhi Burari Deaths: 2 साल बाद खत्म हो चुकी है दहशत पर कभी नहीं भुला पाएंगे बुराड़ी फांसी कांड

नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। Burari Deaths: पूरे देश को झकझोर देने वाले बाहरी दिल्ली के बुराड़ी आत्महत्या केस (Burari Suicide Case) को एक जुलाई यानी आज 2 साल पूरे हो गए। वहीं,  चुड़ावत परिवार के 11 सदस्यों के एक साथ आत्महत्या करने की घटना पर एक बार फिर चर्चा शुरू हो गई है। दरअसल, 30 जुलाई, 2018 की रात को बुराड़ी के संतनगर की गली नंबर-2 का मकान नंबर- 137 में परिवार के 11 सदस्यों ने  एकसाथ आत्महत्या कर ली थी। इस गली और मकान को लेकर डर बिल्कुल खत्म हो गया है। बहरहाल, परिवार के बचे 2 सदस्यों में से एक दिनेश चुड़ावत के इस मकान में मोहन सिंह कश्यप अपने परिवार के साथ रहते हैं। चुड़ावत परिवार को पहले से जानने वाले मोहन के मन में इस घर को लेकर कोई डर-दहशत नहीं है। 

वहीं, बुराड़ी फांसी कांड के 2 साल बाद यहां संतनगर गली नंबर 4 ए सामान्य है। निर्माण कार्य से जुड़े वीरेंद्र त्यागी कहते है- '1 जुलाई, 2018 के बाद तकरीबन महीने भर दहशत में रहने वाले लोग उस घटना को याद आज भी सिहर जाते हैं। ऑटो वाले अपनी सवारियों को अंगुली का इशारा कर बताते हैं कि वह देखिये बुराड़ी की वह गली जहां के घर में 11 लोगों ने फांसी लगाई थी।'

वीरेंद्र त्यागी कहते हैं कि अब यहां पर सबकुछ सामान्य है। फांसी वाले मकान में मोहन सिंह परिवार के साथ रहते हैं। इस मकान के मालिक दिनेश से मेरी बात होती रहती है।

7 महीने से रह रहे हैं इस मकान में

मोहन सिंह पिछले तकरीबन 7 महीने से गली नंबर-2 के मकान नंबर- 137 में रह रहे हैं। वह 28 दिसंबर 2019 को इस मकान में शिफ्ट हुए थे। वह पत्नी कृष्णा, बेटी मान्या, बेटे ध्रुव और बेटी नेद्या के साथ रहते हैं। साथ ही इसी माकन में ध्रुव डाइग्नोस्टिक भी चलाते हैं। वह बताते हैं कि इस परिवार को वह काफी पहले से जानते हैं। दोनों परिवार के बच्चे भी आपस में घुले-मिले थे। मोहन के तो बच्चे भी चुड़ावत परिवार में ट्यूशन पढ़ने जाते थे।

इससे पहले इस घर में कार पेंटर का काम करने वाले अहमद और अफसर अली रहते थे। ये दोनों भी चुंड़ावत परिवार के साथ पिछले करीब आठ वर्षों से जुड़े थे। दिनेश चुड़ावत ने यह मकान अहमद और अफसर को 14 अक्टूबर, 2019 को सौंपा था। उनकी मानें तो उनके कहने पर दिनेश और उनके परिवार के कुछ लोग भी इस घर में कुछ रातें गुजार चुके हैं। अहमद और अफसर भी मोहन की तरह कह चुके हैं, मकान में डर जैसा कुछ नहीं है।

यह भी जानें

  • 30 जुलाई,  2018 की रात को बुराड़ी के संत नगर में एक ही परिवार के 11 लोगों के सामूहिक आत्महत्या कर ली थी।
  • दिल्ली में ही नहीं, देश की अब तक की सबसे बड़ी इस सनसनीखेज घटना में बुराड़ी स्थित इस मकान में 1 जुलाई, 2018 की सुबह एक ही परिवार के 11 लोग संदिग्ध हालात में मृत पाए गए थे।
  • मृतकों में सात महिलाएं व चार पुरुष थे, जिनमें दो नाबालिग थे। एक महिला का शव रोशनदान से तो नौ लोगों के शव छत से लगी लोहे की ग्रिल से चुन्नी व साड़ियों से लटके मिले।
  • एक बुजुर्ग महिला का शव जमीन पर पड़ा मिला था। नौ लोगों के हाथ-पैर व मुंह बंधे हुए थे और आंखों पर रुई रखकर पट्टी बांधी गई थी।

इन 11 लोगों ने की थी आत्महत्या

  1. नारायण देवी (77)
  2. प्रतिभा (57)
  3. भुवनेश (50)
  4. ललित  (45)
  5. सविता (48)
  6. मीनू (23)
  7. निधि (25)
  8. ध्रुव (15)
  9. टीना (42)
  10. शिवम (15)
  11. प्रियंका (33) 
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