Delhi Pollution Report: टूटी सड़कें और गड्ढे भी बढ़ा रहे प्रदूषण की रफ्तार
दिल्ली के प्रदूषण में टूटी सड़कें और गड्ढ़े भी बड़ी भूमिका निभा रहे हैं। इनसे उड़ती धूल वाहनों के धुएं से भी ज्यादा हवा को प्रदूषित कर रही है।
नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। Delhi Pollution Report: दिल्ली के प्रदूषण में टूटी सड़कें और गड्ढ़े भी बड़ी भूमिका निभा रहे हैं। इनसे उड़ती धूल वाहनों के धुएं से भी ज्यादा हवा को प्रदूषित कर रही है। कोई प्रामाणिक अध्ययन न होने के कारण इसे लेकर न नगर निगम गंभीर है न दिल्ली सरकार। इसीलिए केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने अब इसे लेकर अध्ययन कराने की योजना तैयार की है। जल्द ही यह अध्ययन शुरू हो जाएगा।
आइआइटी कानपुर की एक रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली में सबसे ज्यादा प्रदूषण सड़कों पर उड़ने वाली धूल से हो रहा है। वाहनों से निकलने वाले धुएं का नंबर तो उसके बाद आता है। प्रदूषक तत्व पीएम 10 में सबसे ज्यादा 56 फीसद योगदान सड़क की धूल का ही है, जबकि पीएम 2.5 में इसका हिस्सा 38 फीसद तक है। पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण व संरक्षण प्राधिकरण (ईपीसीए) की टीम भी दिल्ली के विभिन्न इलाकों की टूटी सड़कों का दौरा करके इसकी रिपोर्ट तैयार कर और नगर निगम व लोक निर्माण को फटकार लगा चुकी है। अध्ययन के लिए प्रस्ताव पास दिल्ली के प्रदूषण में सड़कों की धूल का असर कितने फीसद है, इसे लेकर ही सीपीसीबी अब यह अध्ययन कराने जा रहा है।
पिछले दिनों हुई सीपीसीबी की 190वीं बोर्ड बैठक में इसका प्रस्ताव भी पास हो गया है। इस प्रस्ताव में यातायात जाम का पहलू भी जोड़ दिया गया है और इसका दायरा भी केवल दिल्ली न रखकर पूरा एनसीआर कर दिया गया है। अध्ययन रिपोर्ट में समस्या के कारणों और उसके असर की हिस्सेदारी ही तय नहीं होगी, बल्कि समस्या से निपटने के लिए रणनीति भी तय की जाएगी।
डॉ. अनिल गुप्ता (सदस्य, सीपीसीबी) के मुताबिक, दिल्ली-एनसीआर के प्रदूषण को लेकर हमेशा औद्योगिक इकाइयों व वाहनों के धुएं के अलावा पराली सहित कचरा जलाने जैसे कारणों पर ही चर्चा होती है, जबकि यातायात जाम, टूटी सड़कें और जगह-जगह हो रखे छोटे-बड़े गड्ढ़ों से उड़ने वाली धूल भी प्रदूषण की बड़ी वजह है। सीपीसीबी का यह अध्ययन इस पहलू को भी प्रमाणिक रूप देगा।