स्मॉग टावर लगाने में आइआइटी मुंबई के पीछे हटने से सुप्रीम कोर्ट नाराज, दी कड़ी चेतावनी
वायु प्रदूषण के मुद्दे पर बुधवार को सुप्रीम कोर्ट गंभीर नजर आया। दिल्ली में स्मॉग टावर लगाए जाने के काम से आइआइटी मुंबई के पीछे हटने पर कोर्ट ने गहरी नाराजगी जताई।
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। दिल्ली में वायु प्रदूषण को कम करने के लिए स्मॉग टावर लगाए जाने के काम से आइआइटी मुंबई के पीछे हटने पर बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने गहरी नाराजगी जताई। कोर्ट ने कड़ी फटकार लगाते हुए कहा कि इसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता ये कोर्ट के आदेश की अवमानना है। कोर्ट ने कार्रवाई के संकेत देते हुए तत्काल प्रभाव से आदेश पर अमल के निर्देश दिये हैं। साथ ही चेतावनी दी है कि ऐसा न होने को गंभीरता से लिया जाएगा।
मामले पर गुरुवार को फिर सुनवाई होगी। ये निर्देश न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा, विनीत सरन और एमआर शाह की पीठ ने दिल्ली मे वायु प्रदूषण के मुद्दे पर सुनवाई के दौरान दिये। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली में वायु प्रदूषण स्तर कम करने के लिए स्मॉग टावर लगाने के आदेश दिये थे। कोर्ट ने दिल्ली और केन्द्र सरकार से तीन महीने में पायलट प्रोजेक्ट के तहत स्मॉग टावर लगाने को कहा था। पूर्वी दिल्ली के आनंद विहार में स्मॉग टावर लगना था, लेकिन इस प्रोजेक्ट से आइआइटी मुंबई पीछे हट गया है, जिसके कारण वहां अभी तक स्मॉग टावर नहीं लग पाया है।
बुधवार को सुनवाई के दौरान कोर्ट ने सॉलीसिटर जनरल तुषार मेहता से कहा कि वह 15 मिनट में आइआइटी मुंबई से बात करके बताएं। मेहता ने इतनी जल्दी आइआइटी बॉम्बे से बात करके कोर्ट को सूचित करने में असमर्थता जताई और कोर्ट से 24 घंटे का वक्त देने को कहा। बाद में कोर्ट ने मामले की सुनवाई तो गुरुवार तक के लिए टाल दी, लेकिन आदेश मे आइआइटी बाम्बे के खिलाफ चेतावनी पूर्ण कड़ी टिप्पणी की हैं।
कोर्ट ने आइआइटी बाम्बे के पीछे हटने पर कहा कि ये मामले में जानबूझकर देरी करना है। ये कोर्ट के आदेश की अवहेलना है। कोर्ट ने कहा कि वह सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवहेलना और इस प्रोजेक्ट से पीछे हटने पर आइआइटी बॉम्बे और संबंधित व्यक्ति के खिलाफ कार्यवाही करेगा। कोर्ट ने कहा कि जनहित के इस प्रोजेक्ट में इस संस्थान से ऐसे आचरण की उम्मीद नहीं थी। वे पब्लिक फंक्शनरीज के इस आचरण से हैरान हैं। कोर्ट ने चेतावनी देते हुए कहा वे इससे बहुत नाखुश हैं, तत्काल प्रभाव से आदेश पर अमल किया जाए अन्यथा इसे गंभीरता से लिया जाएगा।