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Tablighi Jamaat case: पश्चिम बंगाल में फंसे विदेशी जमातियों से पूछताछ की जरूरत नहीं: दिल्ली पुलिस

Tablighi Jamaat case सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस के जवाब को रिकॉर्ड पर लेते हुए न्यायमूर्ति एजे भंभानी की पीठ ने कहा कि जमातियों के खिलाफ जांच कानून के तहत जारी रखें।

By JP YadavEdited By: Updated: Thu, 30 Jul 2020 08:23 AM (IST)
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Tablighi Jamaat case: पश्चिम बंगाल में फंसे विदेशी जमातियों से पूछताछ की जरूरत नहीं: दिल्ली पुलिस

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। Tablighi Jamaat case:  84 विदेशी जमातियों की तरफ से उनके खिलाफ 31 मार्च को दर्ज की गई एफआइआर रद करने की मांग को लेकर दायर याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट में सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस ने बताया कि 84 जमातियों को फिलहाल हिरासत में लेकर पूछताछ की जरूरत नहीं है। साथ ही पुलिस ने अदालत को बताया कि वे पूछताछ के लिए पश्चिम बंगाल जांच अधिकारी भेजने को तैयार थे, लेकिन जॉकडाउन के कारण न तो जमाती दिल्ली आ सके न उनकी टीम बंगाल जा सकी। हालांकि, फिलहाल मामले में जांच जारी है।

सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस के जवाब को रिकॉर्ड पर लेते हुए न्यायमूर्ति एजे भंभानी की पीठ ने कहा कि जमातियों के खिलाफ जांच कानून के तहत जारी रखें। पीठ ने साथ ही पुलिस व दिल्ली सरकार को जांच के संबंध में अदालत को अगली तारीख पर जानकारी देने का निर्देश दिया। याचिका पर अगली सुनवाई 24 अगस्त को होगी।

यहां पर बता दें कि जमातियों ने उनके खिलाफ जारी लुट आउट सर्कुलर और क्राइम ब्रांच के विशेष जांच दल द्वारा जारी किए गए नोटिस को रद करने की मांग की। इस दौरान दिल्ली सरकार के स्थायी अधिवक्ता राहुल मेहरा ने कहा कि नोटिस जारी होने के बावजूद भी उक्त जमातियों ने जांच में हिस्सा नहीं लिया। उन्होंने पीठ को बताया कि क्योंकि अभी तक जांच पूरी नहीं हुई ऐसे में किसी भी जमाती के खिलाफ आरोप पत्र नहीं दाखिल किया गया है।

गौरतलब है कि मार्च महीने में कोरोना वायरस संक्रमण के दौरान दिल्ली के हजरत निजामुद्दीन स्थित तब्लीगी मरकज में हजारों की संख्या में देशी-विदेशी जमाती इकट्ठा हुए थे। इसके बाद ये देश के तकरीबन 20 राज्यों में गए और वहां पर कोरोना वायरस का संक्रमण फैला। इसमें कई जमातियों की तो मौत तक हो गई। तब्लीगी जमात मुखिया मौलाना मुहम्मद साद पर कोरोना काल के दौरान भीड़ इकट्ठा करने समेत गंभीर आरोप लगे हैं।

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