Waterlogging in Delhi: बारिश के बाद जलजमाव से कैसे मिलेगी राहत, पूर्व महापौर ने दिए सुझाव
हमें अपने ड्रेनेज को कब्जा मुक्त भी करना होगा। कई इलाकों में ड्रेनेज कब्जे की जद में है। अधिकृत कॉलोनियों में भी लोगों ने कब्जा करके कहीं दुकान बना ली है तो कहीं मकान।
नई दिल्ली। दिल्ली में थोड़ी तेज बारिश क्या हो जाए सड़कों पर पानी जमा होने लगता है। जो ऊंची सड़कें हैं उनसे तो पानी नीचे उतर जाता है लेकिन जो सड़कें नीची पड़ती हैं उनमें जलजमाव हो जाता है। हर वर्ष का यही रोना है और वजह दिल्ली की बहुनिकाय व्यवस्था है, क्योंकि राजधानी में ड्रेनेज सिस्टम अलग-अलग एजेंसियों के जिम्मे है। अनधिकृत कॉलोनी में बाढ़ नियंत्रण विभाग इस व्यवस्था को देखता है तो अधिकृत कॉलोनी में दिल्ली जल बोर्ड। झुग्गियों में शहरी आश्रय सुधार बोर्ड तो कई इलाकों में नगर निगम भी इस क्षेत्र में काम करते हैं। लोक निर्माण विभाग बड़े नालों की सफाई करता है।
इतनी एजेंसियों को मिलकर इस पर काम करना है, लेकिन अभी क्या आने वाले चार-पांच सालों में भी ऐसी ही व्यवस्था देखने को मिलेगी। बरसात होगी हम जलभराव, जल निकासी, सीवरेज सिस्टम नालों की सफाई जैसे मुद्दों पर इसी तरह बात करते रहेंगे। इसका स्थायी समाधान न होने की वजह ये सारी एजेंसियां ही हैं। हर वर्ष नालों की सफाई का जिम्मा इन एजेंसियों के पास होता है और इन्हीं एजेंसियों पर ड्रेनेज सिस्टम बनाने की जिम्मेदारी भी है। नालों की सफाई तो वर्ष में दो तीन माह चलती है।
सर्दी खत्म होते ही मार्च अप्रैल से लेकर मई और जून में किसी भी सूरत में इन नालों की सफाई करनी होती है, लेकिन ड्रेनेज को दुरुस्त करने पर कोई ध्यान नहीं दिया जाता। अगर यह निर्धारित हो जाए कि इलाका चाहे किसी भी एजेंसी का हो ड्रेनेज सिस्टम अमुक एजेंसी बनाएगी तो इस पर गंभीरता से कार्य हो पाएगा, नहीं तो जैसा होता आया है वैसा ही होता रहेगा।
एक एजेंसी काम करेगी तो न केवल उस पर जिम्मेदारी होगी, बल्कि जवाबदेही भी उनके अधिकारियों की ही होगी। दिल्ली में मेट्रो का जाल बिछ गया, जो कि कई सारी एजेंसियों की सीमा क्षेत्र में से होकर गुजरती है तो फिर मजबूत ड्रेनेज सिस्टम को तैयार करने पर काम क्यों नहीं हो सकता।
अवैध कब्जे से दिलानी होगी मुक्ति
हमें अपने ड्रेनेज को कब्जा मुक्त भी करना होगा। कई इलाकों में ड्रेनेज कब्जे की जद में है। अधिकृत कॉलोनियों में भी लोगों ने कब्जा करके कहीं दुकान बना ली है तो कहीं मकान। ऐसे में पानी कैसे आगे निकलेगा। बीते दिनों बरसात हुई तो हमने देखा दिल्ली की एक झुग्गी बस्ती के घर नाले में बह गए। इससे साफ है कि वह जगह नाले की थी। ऐसा ही कुछ अधिकृत कॉलोनियों में भी देखने को मिलता है। जब तक मजबूत ड्रेनेज सिस्टम नहीं बन जाता तब तक नालों की सफाई पर विशेष ध्यान देना होगा। हर साल एजेंसियां नालों की सफाई के दावे करती है, पर बरसात होते ही जल भराव देखने को मिलता है।
(दिल्ली के पूर्व महापौर फरहाद सूरी से संवाददाता निहाल सिंह से बातचीत पर आधारित)