बकरीद से पहले मिली 'ईदी' से सपनों की उड़ान भरेगा रियाज, राष्ट्रपति कोविंद ने गिफ्ट की साइकिल
राष्ट्रपति ने मुलाकात के दौरा रियाज को ईद की बधाई दी और यह भी शुभकामनाएं दी कि जीवन में भरपूर सफलता प्राप्त करो।
नई दिल्ली [पुष्पेंद्र कुमार]। आर्थिक तंगी के कारण विवशता की जिंदगी जीने को मजबूर साइकिलिस्ट रियाज (cyclist Riyaz) की संघर्ष भरी कहानी पढ़ने के बाद राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद (ram nath kovind) ने दैनिक जागरण में प्रकाशित खबर पर संज्ञान लेते हुए उनके सपने को साकार करने में मदद की है। शुक्रवार को राष्ट्रपति द्वारा उन्हें राष्ट्रपति भवन में आमंत्रित कर बकरीद से एक दिन पहले उपहार स्वरूप ईदी के रूप में साइकिल भेंट कर आगे बढ़ने के लिए प्रोत्सहित किया। इस मौके पर पत्नी सविता कोविंद व बेटी स्वाति कोविंद भी उपस्थित रहीं। राष्ट्रपति ने मुलाकात के दौरा रियाज को ईद की बधाई दी और यह भी शुभकामनाएं दी कि जीवन में भरपूर सफलता प्राप्त करो।
राष्ट्रपति ने यह विश्वास व्यक्त किया कि उसकी कहानी देश के युवाओं के लिए अनुकरणीय उदाहरण बनेगी। उन्होंने कहा कि युवाओं को अपने समर्पण, कड़ी महेनत, साहस और कर्तव्यनिष्ठा के बल पर राष्ट्र-निर्माण में जुटने के लिए आगे आना चाहिए।
राष्ट्रपति के सवाल का शालीनता से दिया जवाब
साइकिल भेंट देते हुए राष्ट्रपति ने रियाज से कहा कि यह साइकिल बहुत इंपोर्टेड साइकिल है इसे तुम कहां रखोगे, तो रियाज ने उत्तर देते हुए कहा कि मैं इसे अपने घर पर रखूंगा। फिर राष्ट्रपति ने कहा कि अगर तुम नमाज पढ़ने जाओगे तब इस साइकिल को कहां रखोगें। ऐसे में उन्होंने कोच से कहा कि एसडीएम के माध्यम से स्थानीय पुलिस ऐसी व्यवस्था करें जिससे रियाज की साइकिल सुरक्षित रहें।
रियाज को इंदिरा गांधी स्टेडियम में स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया में जॉइनिंग की मांग
वहीं कोच प्रमोद शर्मा ने राष्ट्रपति से बातचीत के दौरान यह मांग भी रखी कि रियाज को इंदिरा गांधी स्टेडियम में स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया में जॉइनिंग दी जाए, ताकि वह भविष्य में एक बेहतर साइकिलिस्ट बन सके और देश का गौरव बढ़ाए। इस पर कोविंद ने कहा कि इस बात का संज्ञान लेकर रियाज की मदद करने का प्रयास किया जाएगा।
कौन हैं रियाज
ढाबे पर काम करने वाले रियाज (16 वर्ष) अपने सपने को साकार करने के लिए कड़ी संघर्ष कर रहे हैं। आनंद विहार के जेजे कॉलोनी निवासी रियाज ने बताया कि उनके परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है पिता मोहम्मद रुस्तम व माता मुन्नी खातून दोनों मजदूरी का काम करते हैं, जिससे सिर्फ परिवार का ही खर्च चल पाता है। वह खुद सरकारी स्कूल में कक्षा नौ में पढ़ते हैं। जागरण संवाददाता से बातचीत के दौरान उन्होंने अभी हाल में कहा था कि उनके पास इतने पैसे नहीं है कि पढ़ाई के साथ साइकिलिंग सेंटर में अभ्यास कर सकें। खबर प्रकाशित होने के बाद राष्ट्रपति कार्यालय ने संज्ञान लिया और उन्हें बुलाकर शुक्रवार को स्पोर्ट्स साइकिल गिफ्ट की।
रियाज ने बताया कि उनका सपना है साइकिलिंग में देश के लिए स्वर्ण पदक लाएं और इस सपने को पूरा करने के लिए वह घर के पास के ढ़ाबे पर पार्ट टाइम जॉब करते हैं। वह दूसरों के जूठे बर्तन धोकर साइकिलिंग सेंटर के लिए फीस जुटा रहे हैं। वह जनवरी में हुए दिल्ली स्टेट साइकिलिंग चैंपियनशिप 2020 में रजत पदक हासिल किया और भविष्य में और आगे बढ़ने के लिए अभ्यास कर रहे हैं। वह सुबह पांच बजे से लेकर आठ बजे तक साइकिल चलाकर अभ्यास करते हैं और साढ़े नौ बजे ढाबे पर पार्ट टाइम काम भी करते हैं और दोपहर में स्कूल जाते हैं।