Coronavirus : केंद्र सरकार व अमित शाह की वजह से सुधरे दिल्ली के हालात
आदेश गुप्ता के मुताबिक कोरोना की स्थिति बेकाबू होते देख अमित शाह ने 14 जून को लोकनायक अस्पताल का दौरा किया और दिल्ली में संक्रमण रोकने के लिए जरूरी फैसले लिए।
नई दिल्ली [संतोष कुमार सिंह]। दिल्ली में कोरोना संक्रमण का प्रकोप कम हुआ है, लेकिन इसे लेकर सियासत जारी है। इस मामले में आम आदमी पार्टी (आम आदमी पार्टी) सरकार और भाजपा में श्रेय लेने की होड़ लगी हुई है। आम आदमी पार्टी नेताओं का कहना है कि कोरोना संक्रमण रोकने में दिल्ली मॉडल सफल रहा है। वहीं, भाजपा नेताओं का कहना है कि केंद्र सरकार और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के प्रयास से राजधानी में कोरोना पर काबू पाया गया है। दिल्ली प्रदेश भाजपा अध्यक्ष आदेश गुप्ता का कहना है कि जब दिल्ली के लोग संकट में थे उस समय मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री ट्विटर पर लोगों को गुमराह कर रहे थे। लोगों को डराने के साथ ही फंड हासिल करने के लिए केंद्र सरकार को ब्लैकमेल करने की कोशिश हो रही थी।
प्रदेश भाजपा कार्यालय में शुक्रवार को आयोजित प्रेस वार्ता में गुप्ता ने कहा कि आप सरकार की लापरवाही से दिल्ली में तेजी से संक्रमण फैल रहा था। सरकारी अस्पतालों में अव्यवस्था थी। निजी अस्पतालों की मनमानी से मरीज परेशान थे। गरीबों को राशन नहीं मिल रहा था। मजबूरन दस लाख से ज्यादा कामगार यहां से पलायन कर गए। उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया केंद्र सरकार से पांच हजार करोड़ रुपये की मांग कर रहे थे। वह लोगों में डर पैदा करने के लिए 31 जुलाई तक दिल्ली में पांच लाख लोगों के संक्रमित होने का दावा और 80 हजार से ज्यादा बेड की जरूरत होने की बात कर रहे थे।
स्थिति बेकाबू होते देख अमित शाह ने 14 जून को लोकनायक अस्पताल का दौरा किया और दिल्ली में संक्रमण रोकने के लिए जरूरी फैसले लिए। कोरोना जांच की संख्या बढ़ाने के साथ ही अस्पतालों में व्यवस्था दुरुस्त की गई। मरीजों के लिए अतिरिक्त बेड की व्यवस्था की गई। राधा स्वामी सत्संग केंद्र में देश का सबसे बड़ा दस हजार बेड का कोविड केयर सेंटर बनाया गया है। निजी अस्पतालों की मनमानी रोकी गई। परिणामस्वरूप अब संक्रमण काबू में है। 31 जुलाई तक राजधानी में सिर्फ 1.35 लाख संक्रमण के मामले आए हैं।
AAP सरकार की लापरवाही से यहां करीब चार हजार संक्रमितों की मौत हुई है। उन्होंने कहा कि आप सरकार का दो ही मॉडल है एक भाग्य भरोसे और दूसरा श्रेय लेना। इसके विपरीत केंद्र सरकार का मॉडल संक्रमण रोकने के लिए उचित कदम उठाने, मरीजों को बेहतर इलाज उपलब्ध कराने और जरूरतमंदों की सहायता करने वाला है। इसी मॉडल पर देश कोरोना संकट से बाहर निकलेगा।