साइबर क्राइम के वायरस से खाते 'संक्रमित', लॉकडाउन में अपराधी ऐसे कर रहे ठगी
गत वर्ष के मुकाबले इस वर्ष साइबर अपराध के तीन क्षेत्र में छह माह में ही 25 फीसद की वृद्धि दर्ज की गई है।
नई दिल्ली, संतोष शर्मा। कोरोना काल में डिजिटल बैंकिंग की तरफ कदम बढ़ा रहे लोगों के खातों को साइबर क्राइम का वायरस तेजी के साथ 'संक्रमित' कर रहा है। आलम यह है कि लॉकडाउन के दौरान साइबर अपराधियों ने दिल्ली में बड़ी संख्या में लोगों के खातों को खाली किया है। इसके लिए यह अपराधी सोशल साइट्स से लेकर कई अन्य तरह के हथकंडे अपना रहे हैं। लॉकडाउन के दौरान खुद को संक्रमण से बचाने के लिए लोगों ने डिजिटल बैंकिंग को तेजी से अपनाया है। ऐसे में अपराधियों ने भी बाहर निकलने के बजाय घर बैठे ही ठगी का जाल बिछाना शुरू कर दिया है। यही वजह है कि पिछले चार माह में एक तरफ बैंक ठगी और साइबर क्राइम के मामले बढ़े हैं। वहीं, चोरी और झपटमारी के मामलों में कमी देखी गई है। पुलिस के आकड़े भी इस बात की तस्दीक कर रहे हैं।
गत वर्ष के मुकाबले इस वर्ष साइबर अपराध के तीन क्षेत्र में छह माह में ही 25 फीसद की वृद्धि दर्ज की गई है। साइबर क्राइम में जिन तीन मामलों में सबसे ज्यादा वृद्धि हुई है। उसमें इंटरनेट बैंकिंग के माध्यम से रुपये निकाल लेना, सोशल नेटवर्किंग साइट्स के माध्यम से ठगी, सोशल साइट्स पर महिलाओं से अश्लीलता और कंप्यूटर व सोशल साइट की हैकिंग के मामले प्रमुख हैं। 2019 में राजधानी में इन तीनों क्षेत्र में जनवरी से जून तक जहां पुलिस को 2009 शिकायतें मिली थीं। वहीं, इस वर्ष 2623 शिकायतें मिल चुकी हैं। इनमें सबसे ज्यादा शिकायतें पुलिस को लॉकडाउन के दौरान मिली हैं।
इस बीच फर्जी वेबसाइट व ईकॉमर्स प्लेटफॉर्म के लिंक भेजकर लोगों को जमकर शिकार बनाया गया। इसके अलावा सामाजिक व सरकारी संस्थाओं के नाम पर चंदा लेने का भी मामला सामने आया है। वहीं, खाली बैठे मनचलों ने सोशल नेटवर्किंग साइट पर अश्लील हरकत कर महिलाओं को निशाना बनाना शुरू कर दिया।
ये सावधानी बरतें
साइबर क्राइम सेल के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि इस तरह के अपराधियों से बचने के लिए सावधानी ही उपाय है। किसी भी संदिग्ध ई-मेल, सोशल मैसेंजिंग एप और लिंक को न खोलें। सोशल मीडिया और ई बैंकिंग के लिए पुख्ता पासवर्ड का प्रयोग करें और यह जानकारी किसी से भी साझा न करें। मदद के लिए किसी भी संस्था को दान देने से पहले उसकी अच्छी तरह जांच-पड़ताल जरूर करें। ईमेल, लिंक, वेबसाइट अथवा फोन कॉल से ठगी के प्रयास की जानकारी तुरंत दिल्ली पुलिस को दें।