उद्योग जगत की चिंता दूर करेगी भाजपा, आदेश गुप्ता ने की PHDCCI पदाधिकारियों के साथ बैठक
पीएचडीसीसीआइ के पदाधिकारियों ने औद्योगिक इकाइयों की परेशानी भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के सामने उठाकर हल कराने की मांग की।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। उद्योग जगत की चिंता दूर करने के लिए भाजपा काम करेगी। नगर निगमों के नियमों में भी जरूरी बदलाव किया जाएगा। यह जानकारी दिल्ली प्रदेश भाजपा अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (पीएचडीसीसीआइ) की दिल्ली इकाई के पदाधिकारियों के साथ वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिये संवाद में दी। आर्थिक गतिविधियों में तेजी लाने के लिए केंद्र सरकार जरूरी कदम उठा रही है।
पीएचडीसीसीआइ के पदाधिकारियों ने औद्योगिक इकाइयों की परेशानी भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के सामने उठाकर हल कराने की मांग की। उन्होंने दिल्ली में औद्योगिक गतिविधियों में तेजी लाने के लिए जरूरी सुझाव भी दिए। गुप्ता ने कहा कि राष्ट्र के निर्माण में पीएचडीसीसीआइ की महत्वपूर्ण भूमिका है। प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर भारत अभियान को सफल बनाने के लिए नारी सशक्तीकरण, शिक्षा, ग्रामीण विकास जैसे सामाजिक क्षेत्रों में संस्था काम कर रही है। पीएम केयर्स फंड में 528 करोड़ की राशि भी दान दी है।
उन्होंने कहा कि नए उद्योग व व्यवसाय स्थापित करने में आसानी हो इसके लिए इंस्पेक्टर राज खत्म होना चाहिए। कुछ दिनों पहले गृह मंत्री के सामने उन्होंने औद्योगिक इकाइयों को लाइसेंस लेने में होने वाली परेशानी का मुद्दा उठाया था। अमित शाह ने इस दिशा में सकारात्मक कदम उठाने का आश्वासन दिया है। राजधानी में बिजली बिल की समस्या को लेकर भी भाजपा संघर्ष कर रही है। इस मामले में दिल्ली सरकार और दिल्ली विद्युत विनियामक आयोग (डीईआरसी) का रवैया नकारत्मक है। भाजपा लड़ाई जारी रखेगी।
वर्चुअल संवाद में प्रदेश भाजपा उपाध्यक्ष राजीव बब्बर, पीएचडीसीसीआइ के अध्यक्ष डीके अग्रवाल, वरिष्ठ उपाध्यक्ष संजय अग्रवाल, उपाध्यक्ष प्रदीप मुल्तानी, राकेश गुप्ता आदि शामिल थे।
बैंक किस्तों को भरने में दी गई छूट बढ़ाई जाए : गोल्डी
उधर, दिल्ली गुड्स ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष परमीत सिंह गोल्डी ने केंद्र सरकार से बैंक की किस्तों को लेकर दी गई राहत को बढ़ाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि इस अवधि को तीन माह और बढ़ाया जाए। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के बीच उद्योग धंधों को सामान्य हालात में लाने की कोशिशें हो रही हैं, लेकिन इसमें अभी कुछ माह और लगेगा। अभी लॉकडाउन के झटके से ट्रांसपोर्टर उबर नहीं पाए हैं और न ही कारोबार सामान्य स्थिति में आ पाया है। इसलिए अब भी उनके लिए बैंकों की किस्त भरने में बड़ी आर्थिक दिक्कतें आ रही है।