Move to Jagran APP

Delhi: तब्लीगी जमात से जुड़े विदेशी नागरिकों की याचिका पर HC ने भेजा पुलिस को नोटिस

अदालत ने पुलिस थाना सदर बाजार और पुलिस स्टेशन शास्त्री पार्क में दर्ज एफआईआर के मामले एक नोटिस जारी किया हैं ।

By Mangal YadavEdited By: Updated: Fri, 07 Aug 2020 03:01 PM (IST)
Hero Image
Delhi: तब्लीगी जमात से जुड़े विदेशी नागरिकों की याचिका पर HC ने भेजा पुलिस को नोटिस
नई दिल्ली,जेएनएन। तब्लीगी जमात से जुड़े विदेशी नागरिकों की दो नई याचिकाओं पर दिल्ली हाई कोर्ट ने पुलिस को नोटिस जारी किया है। याचिका में जमात से जुड़े विदेशी नागरिकों के खिलाफ दर्ज एक अन्य प्राथमिकी को रद्द करने की मांग की गई है। अदालत ने पुलिस थाना सदर बाजार और पुलिस स्टेशन शास्त्री पार्क में दर्ज एफआईआर के मामले एक नोटिस जारी किया हैं ।

मामले की अगली सुनवाई 10 अगस्त को होगी। न्यायमूर्ति अनूप जयराम भंभानी की पीठ ने दिल्ली पुलिस को सभी तब्लीगी जमात सदस्यों के खिलाफ एफआईआर की एक सूची तैयार करने को कहा है।

केंद्र ने लुकआउट नोटिस वापस लिया

इससे पहले केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में बताया कि तब्लीगी जमात की गतिविधियों में शामिल होने के 35 देशों के आरोपित विदेशियों के खिलाफ जारी लुकआउट नोटिस वापस ले लिया है। यह तब्लीगी जमात के इन्हीं विदेशी आरोपितों के नाम सरकार ने काली सूची में डाले हैं। इस फैसले के खिलाफ यह विदेशी सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए हैं। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने जस्टिस एएम खानविल्कर और दिनेश महेश्वरी की खंडपीठ को गुरुवार को बताया कि सुप्रीम कोर्ट के समक्ष पेश हुए याचिकाकर्ताओं को भारत से बाहर जाने की आजादी होगी। वह केवल तभी बाहर नहीं जा सकेंगे अगर अदालत को आदेश सुनाने के लिए उनकी मौजूदगी की जरूरत होगी या फिर उनके खिलाफ और कोई लंबित मामला होगा।

खंडपीठ ने अपने आदेश में कहा कि सॉलिसिटर जनरल ने यह स्पष्ट किया है कि मद्रास हाई कोर्ट में यदि संबंधित याचिकाकर्ता माफी मांगते हैं तो उनके खिलाफ आपराधिक मामले के बावजूद उन्हें भारत से जाने की छूट दी जा सकती है। फिर चाहे आपराधिक मामला लंबित ही क्यों न हो। लेकिन इसके लिए संबंधित अदालत से ऐसा आदेश पारित होना चाहिए।

बता दें कि खंडपीठ को बताया गया है कि सर्वोच्च अदालत का दरवाजा खटखटाने वाले दस याचिकाकर्ताओं ने अपने खिलाफ दर्ज आपराधिक मामले के खिलाफ कानूनी लड़ाई जारी रखने का फैसला किया है। इन पर वीजा नियमों के उल्लंघन का आरोप है। मेहता के बयान पर खंडपीठ ने कहा कि इन दस याचिकाकर्ताओं के खिलाफ विभिन्न अदालतों में लंबित सभी मामलों को दिल्ली के उसी कोर्ट में लाया जाए ताकि मामले को जल्द निपटाया जा सके। कोर्ट ने कहा कि फैसले की कॉपी सुनवाई के आठ हफ्तों के बाद संबंधित अदालत को और दिल्ली हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को भेजी जाएगी।

सुप्रीम कोर्ट ने उन 34 विदेशी तब्लीगियों की केंद्र सरकार की कार्रवाई के खिलाफ दायर याचिका पर यह फैसला सुनाया है। इन तब्लीगियों ने केंद्र सरकार के 35 देशों के 2700 विदेशी नागरिकों को ब्लैकलिस्ट करने के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी।

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।