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दिल्ली सरकार ने कसा शिकंजा, टैक्स जमा नहीं करने वाली कंपनियों को थमाया नोटिस

दिल्ली सरकार ने शुक्रवार को लगभग 15000 कंपनियों के टैक्स रिटर्न फाइलिंग का अध्ययन करने के बाद 5584 कंपनियों को नोटिस भेजा है।

By Mangal YadavEdited By: Updated: Sat, 08 Aug 2020 07:53 AM (IST)
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दिल्ली सरकार ने कसा शिकंजा, टैक्स जमा नहीं करने वाली कंपनियों को थमाया नोटिस
नई दिल्ली [वीके शुक्ला]। दिल्ली सरकार ने वैट टैक्स रिटर्न दाखिल नहीं करने वाले कंपनियों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। शुक्रवार को दिल्ली सरकार ने टैक्स रिटर्न दाखिल नहीं करने वाली 5,584 कंपनियों को नोटिस थमा दिया है। उपमुख्यमंत्री व वित्त मंत्री मनीष सिसोदिया ने विश्लेषण में पाया कि ऑटोमोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक्स, ई-कॉमर्स, बीमा, वित्तीय सेवा, परामर्श, सुरक्षा और हेल्थकेयर जैसे नौ सेक्टर कोविड-19 महामारी से प्रभावित नहीं हुए थे, फिर भी इन कंपनियों ने रिटर्न दाखिल नहीं किया।

सिसोदिया ने जीएसटी विभाग को कहा इन कंपनियों द्वारा टैक्स रिटर्न दाखिल न करने के पीछे के कारणों की सख्ती से जांच की जाए। दिल्ली सरकार ने शुक्रवार को लगभग 15,000 कंपनियों के टैक्स रिटर्न फाइलिंग का अध्ययन करने के बाद 5584 कंपनियों को जीएसटी3ए के तहत और 36 कंपनियों को यू/एस 59 (2) अधिनियम के तहत नोटिस भेजा है।

उपमुख्यमंत्री ने कहा कि 9 क्षेत्र ऐसे हैं, जो कोविड-19 महामारी से अप्रभावित थे, लेकिन इन क्षेत्रों की कंपनियों ने जीरो टैक्स या सिर्फ 50 फीसद टैक्स का भुगतान किया है। टैक्स जमा न करने वालों की होगी जांच सिसोदिया ने कहा कि वित्त वर्ष 2020-21 के जीएसटी संग्रह के संदर्भ में मैंने पहली तिमाही में एकत्र आंकड़ों का विश्लेषण किया है। कोविड-19 महामारी ने खपत को काफी प्रभावित किया है, लेकिन कई क्षेत्रों का गहनता से विश्लेषण किया गया था, जिन क्षेत्रों का महामारी के दौरान खपत पर अधिक प्रभाव नहीं पड़ा है।

लॉकडाउन के परिणाम स्वरूप कुछ उद्योग जैसे ई-कॉमर्स कंपनियों की इस अवधि में बिक्री संभवत: बढ़ी है। दिल्ली सरकार अप्रभावित क्षेत्रों की कंपनियों द्वारा टैक्स रिटर्न दाखिल नहीं करने के कारणों की जांच करेगी। सिसोदिया ने कहा कि इसे देखते हुए कि 935 डीलर, जिन्होंने 2020-21 पहली तिमाही में शून्य टैक्स जमा किया है और 2017 डीलरों ने पिछली तिमाही में 50 फीसद टैक्स दिया है। चूंकि इन क्षेत्रों की कंपनियां प्रभावित नहीं हुई हैं। इसलिए उनके टैक्स भुगतान की जांच की जाएगी।

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