Unauthorised Colonies in Delhi: लाइसेंस लेकर दुकान-रेस्तरां भी खोल सकेंगे अनधिकृत कॉलोनियों के लोग
Unauthorised Colonies in Delhi दक्षिणी दिल्ली नगर निगम नीति तैयार कर रहा है। इस नीति के तहत अनधिकृत कॉलोनियों में रेस्तरां व दुकानों को हेल्थ लाइसेंस जारी किया जाएगा।
By JP YadavEdited By: Updated: Sat, 08 Aug 2020 12:09 PM (IST)
नई दिल्ली [निहाल सिंह]। Unauthorised Colonies in Delhi: दिल्ली की अनधिकृत कॉलोनियों में चलने वाले रेस्तरां व दुकानों को लेकर राहत भरी खबर है। अब यहां पर लाइसेंस लेकर दुकानों से लेकर रेस्तरां चलाए जा सकेंगे। इसके लिए दक्षिणी दिल्ली नगर निगम नीति तैयार कर रहा है। इस नीति के तहत अनधिकृत कॉलोनियों में रेस्तरां व दुकानों को हेल्थ लाइसेंस जारी किया जाएगा। इसका सबसे ज्यादा फायदा उन लोगों को होगा जिनके पास रेस्तरां और दुकान चलाने के लिए जगह तो है, लेकिन नीति न होने की वजह से वे नियमित होकर नहीं चल पा रहे थे। दरअसल, अनधिकृत कॉलोनियों में हेल्थ लाइसेंस उन्ही व्यावसायिक गतिविधियों को दिया जा सकता है जिनके पास कम से कम 100 वर्ग फीट जगह हो और वह जून 2014 से पहले से संचालित हो। इसके लिए सबसे ज्यादा अनिवार्य शर्त मालिकाना हक की है, लेकिन कॉलोनियां नियमित न होने के चलते मालिकाना हक की शर्त पूरी नहीं हो पा रही थी। इन कॉलोनियों की संपत्ति को प्रधानमंत्री अनधिकृत कॉलोनी आवास अधिकार योजना (पीएम उदय) को पिछले वर्ष जारी किया गया था।
इस योजना के तहत नागरिक दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) को आवेदन कर अपनी संपत्ति का मालिकाना हक पा सकते हैं। निगम के अधिकारी ने कहा कि हम मालिकाना हक के लिए जारी कनवेंस डीड को स्वीकार कर लेंगे। इसके लिए नीति बनाई जा रही है। इस नीति के तहत ऐसी संपत्तियों को लाइसेंस देने की अनुमति दे दी जाएगी, जिनके पास यह कनवेंस डीड होगी। इस कनवेंस डीड के साथ, बिजली पानी व सीवर की सुविधा, अग्निशमन का अनापत्ति प्रमाणपत्र होना भी जरूरी है। अगर दक्षिणी निगम से यह नीति तैयार होकर सदन और स्थायी समिति से पारित हो जाती है तो इसे पूर्वी और उत्तरी निगम में लागू करने का रास्ता खुल जाएगा। उल्लेखनीय है कि पीएम उदय योजना के तहत दिल्ली में करीब 1500 संपत्तियों को मालिकाना हक दिया जा चुका है।
डी-सीलिंग के लिए दोगुना देना होगा जुर्माना
दक्षिणी दिल्ली नगर निगम में हेल्थ लाइसेंस लेकर रेस्तरां, होटल, मोटल और दुकानें चलाने वाले अगर शर्तों के उल्लंघन पर सील हुई तो उसकी डी-सीलिंग (सील खुलवाना) कराने पर ज्यादा जुर्माना देना होगा। दक्षिणी निगम जुर्माना बढ़ाने के लिए प्रस्ताव सोमवार को होने वाली स्थायी समिति की बैठक में ला रहा है।नियम तोड़ना पड़ेगा महंगा
प्रस्ताव को मंजूरी मिलने पर लोगों को नियमों का उल्लंघन करना महंगा साबित होगा। इसमें सील हुई दुकान को डी-सील कराने में तीन से चार गुणा तक ज्यादा जुर्माना देना होगा। उल्लेखनीय है कि निगम 81 श्रेणियों में हेल्थ लाइसेंस जारी करता है। हालांकि इसमें छोटे दुकानदारों पर बोझ कम डाला जाएगा। ढाबे से लेकर ड्राई क्लीनिंग, टेलरिंग, आटा, दाल मसाले, बेकरी व पान शॉप आदि जैसी दुकानों का डी-सीलिंग शुल्क 15 हजार रुपये था, जिसे नहीं बढ़ाया जाएगा। रेस्तरां, कॉफी हाउस, बैंक्वेट हॉल व जिम में जहां पहले 15 हजार रुपये का शुल्क लगता था, इसे अब 50 हजार रुपये तक किया जाना है।
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