दिल्ली में फार्म हाउस फायरिंग मामले में नया मोड़, आरपीआइ नेता ने खुद चलवाई थीं गोलियां!
सूत्रों के मुताबिक इस साजिश का पर्दाफाश होने के बाद सैफी को दी गई सुरक्षा वापस ले ली गई है। वहीं उन्हें जब पूछताछ के लिए नोटिस भेजा गया तो वह गायब हो गए।
By Mangal YadavEdited By: Updated: Sun, 09 Aug 2020 08:30 AM (IST)
नई दिल्ली [राकेश कुमार सिंह]। निहाल विहार स्थित फार्म हाउस के गेट पर दो माह पहले की गई फायरिंग के मामले में नया मोड़ आया है। यह फायरिंग फार्म हाउस के मालिक और रिपब्लिकन पार्टी आफ इंडिया (आरपीआइ) के अल्पसंख्यक मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष मोहम्मद शकील सैफी ने पुलिस सुरक्षा लेने के लिए कारवाई थी। इसमें गोली लगने से फार्म हाउस का गार्ड जख्मी हो गया था। पुलिस ने इस मामले में एक पूर्व पार्षद के पति वरुण कुमार सहित तीन आरोपितों को पिछले माह गिरफ्तार किया था। इनसे पूछताछ में इस साजिश का पर्दाफाश हुआ है।
इधर, साजिश का पर्दाफाश होते ही सैफी परिवार सहित फार्म हाउस से गायब हैं। हालांकि, उनसे पूछताछ के लिए पुलिस उन्हें कई बार नोटिस जारी कर चुकी है। पुलिस के मुताबिक मोहम्मद शकील सैफी आरपीआइ की अल्पसंख्यक इकाई का राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं। निहाल विहार में उनका फार्म हाउस है। 31 मई को बाइक सवार एक बदमाश ने फार्म हाउस के गेट पर तैनात सुरक्षा गार्ड हरिनाथ से पहले सैफी के बारे में पूछताछ की। गार्ड ने जब बदमाश को अंदर जाने से मना किया तो उसने दो फायर किए, जो गार्ड के पैर में लगे थे। इस घटना का सीसीटीवी फुटेज देखने पर पुलिस का शक गहराया।
इसके बाद जांच में पता चला कि घटना से पहले लगातार कई दिनों से सैफी ने पुलिस सुरक्षा के लिए जगह-जगह पत्र भेजे थे। इस घटना के बाद बाहरी जिले के एडिशनल डीसीपी ने तत्काल चार पुलिस कर्मियों की सुरक्षा मो. सैफी को मुहैया करा दी थी। इधर जांच के बाद 17 जून को पुलिस ने गोली चलवाने की साजिश में शामिल तीन आरोपितों वरुण कुमार, नदीम सिद्धीकी और विजय उर्फ लाल को गिरफ्तार कर लिया। इन तीनों से पूछताछ में पुलिस को पता चला कि मो. सैफी ने ही सुरक्षा लेने के लिए गार्ड पर गोलियां चलवाई थीं। गोली चलाने वाले बदमाश को बाइक, पिस्टल व रुपये अलग-अलग लोगों ने दिए थे। हालांकि, गोली चलाने वाला बदमाश अब तक पुलिस की गिरफ्त में नहीं आया है।
सूत्रों के मुताबिक इस साजिश का पर्दाफाश होने के बाद सैफी को दी गई सुरक्षा वापस ले ली गई है। वहीं उन्हें जब पूछताछ के लिए नोटिस भेजा गया तो वह गायब हो गए। कुछ दिन बाद उनके परिजन भी फार्म हाउस से भूमिगत हो गए। पुलिस अधिकारी का कहना है कि मो. सैफी के सहयोग न करने के कारण जांच अधूरी पड़ी है। इस मामले में सैफी से बात करने का प्रयास किया गया, लेकिन कॉल रिसीव नहीं होने की वजह से बात नहीं हो सकी।
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