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दिल्ली के 1200 से अधिक दुकानों के संपत्ति मालिकों के लिए खुशखबरी, 38 मार्केट हुईं फ्री होल्ड

लंबे समय से दुकानदारों व व्यापारियों की दुकानें फ्री होल्ड करने की मांग को भाजपा ने पूरा करके उन्हें बड़ी राहत दी है।

By JP YadavEdited By: Updated: Wed, 12 Aug 2020 08:40 AM (IST)
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दिल्ली के 1200 से अधिक दुकानों के संपत्ति मालिकों के लिए खुशखबरी, 38 मार्केट हुईं फ्री होल्ड
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। दक्षिणी दिल्ली नगर निगम ने बड़ी राहत देते हुए 38 बड़ी मार्केट को फ्रीहोल्ड करने का प्रस्ताव पारित कर दिया है। इसके बाद कन्वर्जन चार्ज देने के बाद इन दुकानों के मालिक इसे विक्रय कर सकेंगे। इससे करीब 1252 दुकानों के संपत्ति मालिकों को बड़ा लाभ मिलेगा। निगम ने नया शुल्क न लगाकर दिल्ली विकास प्राधिकरण द्वारा तय किए गए कन्वर्जन चार्ज के आधार पर इन दुकानों को फ्रीहोल्ड कराया है।

उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार द्वारा लैंड एंड डेवलपमेंट ऑफिस(एलएंडडीओ) ने 79 मार्केट दिल्ली में नगर निगमों को स्थानांतरित की थी। इनमें से 38 मार्केट दक्षिणी निगम इलाके में आती है। जिन्हें दक्षिणी निगम की स्थायी समिति ने लीज होल्ड से फ्रीहोल्ड करने की मंजूरी दे दी है। इसके बाद बहुत कम दाम पर दुकानों को लीज होल्ड से फ्रीहोल्ड कराया जा सकेगा। फ्रीहोल्ड कराने के बाद अब संपत्ति मालिकों को निगम से इजाजत लेने की भी जरूरत नहीं होगी। निगम के अनुसार लीज होल्ड के आधार पर कुल 1252 दुकानें हैं।

ये दुकानें मोहम्मदपुर शॉपिंग कॉम्प्लेक्स, लोधी रोड कॉम्प्लेक्स 1-2, एमबी रोड, पुष्प विहार मार्केट सेक्टर 1 से 4 तक, हुडको प्लेस, सादिक नगर मार्केट और आइटीओ के समीप वाई शेप्ड बिल्डिंग में हैं। नेता सदन नरेंद्र चावला ने बताया कि पहले संपत्ति की बिक्री की अनुमति नहीं थी। अगर किसी ने बिक्री कर ली है तो उसे फ्रीहोल्ड कराने के लिए खरीदी गई संपत्ति के दाम का 50 फीसद हिस्सा निगम को जमा कराना होता था। लेकिन, अब केवल डीडीए द्वारा कॉलोनियों और मार्केट की श्रेणी के हिसाब से निर्धारित कन्वर्जन चार्ज के साथ 33 फीसद सरचार्ज ही जमा कराना होगा।

दिल्ली प्रदेश भाजपा अध्यक्ष आदेश गुप्ता का कहना है कि लंबे समय से दुकानदारों व व्यापारियों की दुकानें फ्री होल्ड करने की मांग को भाजपा ने पूरा करके उन्हें बड़ी राहत दी है। निगम की ओर से उठाए गए इस कदम से उन दुकानदारों व व्यापारियों को भी मालिकाना हक मिल गया है जो आर्थिक रूप से कमजोर थे। 

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