विद्यार्थी को सुनहरे भविष्य की राह पर ले जाना है शिक्षक का धर्म, पढ़ें प्रेरणा देने वाली स्टोरी
आरती ने बताया कि सरकारी स्कूल का भी हर बच्चा अंग्रेजी सीखना व बोलना चाहता है। इसलिए वह अपनी छात्राओं को सिर्फ किताबी ज्ञान नहीं बल्कि उससे ऊपर उठकर चीजें समझाती हैं।
नई दिल्ली [रितु राणा]। शिक्षा का दीपक जलाकर बच्चों के मन के अंधेरे को दूर कर रही निर्माण विहार निवासी शिक्षिका आरती कानूनगो। एक शिक्षक व विद्यार्थी का रिश्ता सिर्फ कक्षा या स्कूल तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यह रिश्ता तो ऐसा ही कि अगर विद्यार्थी भटक जाए तो, शिक्षक उसका हाथ पकड़कर उसे एक सुनहरे भविष्य की राह पर ले जाता है। शकरपुर के राजकीय उच्चतर माध्यमिक सर्वोदय कन्या विद्यालय स्कूल ब्लॉक की अंग्रेजी टीजीटी आरती कानूनगो शिक्षा के क्षेत्र में पिछले 18 वर्षों से सेवा दे रही हैं। उनका उद्देश्य विद्यार्थियों को सिर्फ शैक्षिक ही नहीं, बल्कि उससे इतर अन्य रोचक गतिविधियों में भी भाग लेने के लिए प्रेरित करना है शिक्षा के क्षेत्र में किये गए इन्हीं रचनात्मक कार्यों को देखते हुए इस वर्ष आरती को सीबीएसई द्वारा शिक्षक दिवस पर सीबीएसई अवॉर्ड 2019-2020 से सम्मानित किया जाएगा।
बच्चे के दिमाग नहीं दिल में झांको
बात तो तब बनेगी, जब बच्चे के दिमाग नहीं उसके दिल तक पहुंच जाएंगे, यह मानना है आरती का। आरती ने बताया कि अगर बच्चे को किसी विषय को अच्छे से समझाना है तो उसके दिमाग पर जोर नहीं डालें बल्कि उसके दिल तक पहुंचकर उसे समझाने की कोशिश करें। अगर हम बच्चे के दिल तक पहुंच गए और उसके दिल को जीत लिया तो वह बच्चा हमें सुनने लगता है समझने भी लगता है। ऐसे ही जब हम बच्चे सुनेंगे और वह हमें सुनेगा तो वह विषयों की गहराईयों को भी समझ पाएगा। आरती भी कुछ इसी अंदाज में अपनी छात्राओं को पढ़ाती हैं। उन्होंने अपनी कक्षा की छात्राओं को अहसास कराया कि वह उन्हें सुनना चाहती हैं, और उनकी सभी छात्राएं उनके जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। इसके बाद वह कक्षा में पढ़ाई शुरू करती हैं। इस प्रक्रिया से छात्राओं और उनके के बीच एक विश्वास से भरा रिश्ता कायम हुआ है।
पढ़ाई को रोचक बनाकर पढ़ा रही
आरती ने बताया कि सरकारी स्कूल का भी हर बच्चा अंग्रेजी सीखना व बोलना चाहता है। इसलिए वह अपनी छात्राओं को सिर्फ किताबी ज्ञान नहीं बल्कि उससे ऊपर उठकर चीजें समझाती हैं। वह कक्षा में डांस, गाने, नाटक, कविता आदि के माध्यम से अंग्रेजी को रोचक बनाकर छात्राओं के सामने प्रस्तुत करती हैं। इससे बच्चे बहुत आनंद लेकर पढ़ते हैं और जल्दी से सीखते भी हैं।
उन्होंने बताया कि अकादमिक शिक्षा के साथ -साथ वह बच्चों को अतिरिक्त गतिविधियों में भी भाग लेने के लिए प्रेरित करना चाहिए, इससे बच्चों का पढ़ाई में भी मन लगता है। उनकी छात्राएं जब राज्य व राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित प्रतियोगिताओं में बढ़े-बड़े निजी स्कूलों के बच्चों के सामने अंग्रेजी बोलती हैं, तो उन्हें बहुत गर्व महसूस होता है।
2018-2019 में आरती ने अपनी छात्राओं के साथ राज्य स्तर पर आयोजित रोल प्ले प्रतियोगिता में पहला स्थान प्राप्त किया। उसके बाद उन्हें राष्टीय स्तर पर जाने का मौका मिला। पिछले चार-पांच वर्षों से वह अंग्रेजी कविता प्रतियोगिता में भी भाग ले रहे हैं। पिछले वर्ष कनॉट प्लेस स्थित सेंट्रल पार्क में करीब एक हजार लोगों के बीच उनकी छात्राओं ने नुक्कड़ नाटक भी प्रस्तुत किया, जिसे खूब सराहा गया। पिछले वर्ष भी आरती ने इस अवॉर्ड के लिए आवेदन किया था पर सफल नहीं हो पाई। लेकिन इस बार फिर उन्होंने मेहनत की और इस अवॉर्ड को हासिल कर दिखाया।
यह भी जानें
- एक मिलियन डोलर ग्लोबल टीचर प्राइज 2019 में 179 देशों से टॉप 50 शिक्षकों की सूची में शामिल होने वाली दिल्ली सरकार की पहली शिक्षिका
- शिक्षा निदेशालय द्वारा 2017 में स्टेट टीचर अवॉर्ड से सम्मानित
- यूनिवर्सिटी ऑफ लंडन द्वारा टीचर इनोवेटर अवॉर्ड 2018 से सम्मानित
- टीचर एक्सीलेंस अवॉर्ड 2018
- रोटरी इंडिया लीटरेसी मिशन द्वारा नेशनल बिल्डर अवॉर्ड 2016
- यूके वर्की फाउंडेशन द्वारा ग्लोबल टीचर एंबेसडर 2019
- जिलाधिकारी कार्यालय द्वारा बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ 2019 से सम्मानित
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