Move to Jagran APP

Kapila Vatsyayan Passes Away: विदुषी एवं कलाविद् कपिला वात्स्यायन का निधन

Kapila Vatsyayan Passes Away डॉ. कपिला वात्स्यायन ने 1946 में हिंदू कॉलेज से स्नातक व 1948 में इंग्लिश विभाग से स्नातकोत्तर किया था। वह भारतीय संगीत व कला की अच्छी जानकार थीं।

By JP YadavEdited By: Updated: Wed, 16 Sep 2020 01:09 PM (IST)
Hero Image
Kapila Vatsyayan Passes Away: विदुषी एवं कलाविद् कपिला वात्स्यायन का निधन
नई दिल्ली [संजीव कुमार मिश्र]। Kapila Vatsyayan Passes Away: पद्मविभूषण और राज्यसभा की मनोनीत सदस्य कपिला वात्स्यायन (92) का बुधवार को दिल्ली में निधन हो गया। वह दक्षिण दिल्ली स्थित गुलमोहर पार्क इलाके में रहतीं थी। वह हिंदी के यशस्वी साहित्यकार सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन "अज्ञेय' की पत्नी थी। कपिला इंडिया इंटरनेशनल सेंटर की आजीवन न्यासी भी थी। प्रसिद्ध कला एवं नृत्य स्कॉलर कपिला के निधन पर कलाकारों ने शोक जताया है। इंडिया इंटरनेशनल सेंटर पदाधिकारियों ने डॉ. कपिला वात्स्यायन 1930-40 के दशक में भारतीय नृत्य संबंधी अनुसंधानों के लिए जीती जागती रिकार्ड की तरह थी। यह दशक नृत्य संस्थानों के निर्माण का एक दशक था। कपिला न केवल एक नृत्य विद्वान और इतिहासकार थीं, बल्कि भरतनाट्यम और ओडिसी के साथ कथक और मणिपुरी नृत्य विधा में भी पारंगत थी।

कपिला का जन्म आजादी से पूर्व दिल्ली में 25 दिसंबर, 1928 में हुआ था। डॉ. कपिला वात्स्यायन ने वर्ष 1946 में दिल्ली विश्वविद्यालय के अंतर्गत आने वाले हिंदू कॉलेज से स्नातक व 1948 में इंग्लिश विभाग से स्नातकोत्तर किया था। वह भारतीय संगीत और कला की अच्छी जानकार थीं।

संगीत नाटक अकादमी फेलो रह चुकी कपिला वात्स्यायन प्रख्यात नर्तक शम्भू महाराज और प्रख्यात इतिहासकार वासुदेव शरण अग्रवाल की शिष्या भी थीं। सन 2006 में वो राज्यसभा की मनोनीत सदस्य नियुक्त हुई थी। वात्स्यायन राष्ट्रीय इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद, की संस्थापक सचिव थी और इंडिया इंटरनेशनल सेंटर की आजीवन न्यासी भी थी। उन्होंने भारतीय नाट्यशास्त्रऔर भारतीय पारंपरिक कला पर गंभीर पुस्तकें भी लिखी हैं। वह देश में भारतीय कला शास्त्र की आधिकारिक विद्वान मानी जाती थीं।

Coronavirus: निश्चिंत रहें पूरी तरह सुरक्षित है आपका अखबार, पढ़ें- विशेषज्ञों की राय व देखें- वीडियो

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।