Agricultural bills: AAP सांसद का हमला, बिलों के लिए कांग्रेस और शिअद दोनों समान रूप से जिम्मेदार
भगवंत मान ने कहा कि 3-4 महीनों से अकाली दल इन बिलों की बड़ाई कर रहा था अब उन्होंने यू-टर्न ले लिया है लेकिन वे एनडीए नहीं छोड़ रहे हैं। यह पंजाब के किसानों के साथ धोखा है।
By JP YadavEdited By: Updated: Sat, 19 Sep 2020 10:56 AM (IST)
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। 17 सितंबर का दिन भारत के किसानों के लिए काला दिन माना जाएगा, क्योंकि प्रधानमंत्री ने इसी दिन अपने जन्मदिन पर देश को किसान विरोधी बिलों का एक तोहफा दिया है। यह बात पंजाब से आप सांसद भगवंत मान ने कही। मान ने कहा कि इन कृषि सुधार विधेयकों के लिए कांग्रेस और शिरोमणि अकाली दल दोनों समान रूप से जिम्मेदार हैं। मान ने कहा कि कल हमने शिरोमणि अकाली दल द्वारा हरसिमरत कौर बादल के कैबिनेट पद से इस्तीफा के रूप में एक ढोंग देखा, लेकिन अब इस्तीफा देने का क्या मतलब है? उन्होंने कहा कि पिछले 3-4 महीनों से अकाली दल इन बिलों की बड़ाई कर रहा था, अब उन्होंने यू-टर्न ले लिया है, लेकिन वे एनडीए नहीं छोड़ रहे हैं। यह पंजाब के किसानों के साथ धोखा है।
भगवंत मान ने सभी राज्यसभा सांसद से इन विधेयकों के विरुद्ध मतदान करने का अनुरोध किया है। शुक्रवार को पार्टी मुख्यालय में पत्रकार वार्ता के दौरान मान कहा कि आम आदमी पार्टी हमेशा से किसानों के हक में खड़ी रही है। हमने जमीन पर भी इस अध्यादेश का विरोध किया और संसद में भी। किसानों ने जब भी इस अध्यादेश के खिलाफ प्रदर्शन किया, उसमें भी हम किसानों के साथ खड़े रहे। किसान यूनियन ने हमसे संपर्क किया, तो हम ने आश्वासन दिया कि हम सदन में इस अध्यादेश के खिलाफ वोट करेंगे और हमने अपना वादा निभाया। सदन में हमने इस अध्यादेश के खिलाफ वोट किया।
उन्होंने कहा कि अन्नदाता कहलाने वाला किसान जो अपने ट्रैक्टर पर लिखता है, खेतों का राजा, केंद्र में बैठी भाजपा सरकार के इस अध्यादेश के आने के बाद वह अन्नदाता खुद भिखारी हो जाएगा और उसका ट्रैक्टर जिस पर वह खेतों का राजा लिखता है, वह भी बिकाऊ हो जाएगा।बॉक्स-1 देश के किसान के साथ हो रहा अमानवीय काम मान ने कहा कि देश के किसान के साथ यह जो अमानवीय काम हो रहा है। इसके लिए कांग्रेस भी उतनी ही जिम्मेदार है जितना अकाली दल जिम्मेदार है।
अकाली दल पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि अब हरसिमरत कौर बादल के मंत्री पद से इस्तीफे के देने से पंजाब के किसानों के हक में कोई लाभ नहीं होने वाला। जब इस अध्यादेश का विरोध करने की जरूरत थी, इस्तीफा देने की जरूरत थी, केंद्र सरकार पर दबाव बनाने की जरूरत थी, उस समय पूरा का पूरा अकाली दल भाजपा के साथ खड़ा था और किसानों को नुकसान पहुंचाने वाले इस अध्यादेश का समर्थन कर रहा था। कांग्रेस का दोहरा चरित्र भी देश और पंजाब के किसानों के सामने बेनकाब हो गया है।Coronavirus: निश्चिंत रहें पूरी तरह सुरक्षित है आपका अखबार, पढ़ें- विशेषज्ञों की राय व देखें- वीडियो
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