मेट्रो में कोरोना की एंट्री रोकने के लिए DMRC ने उठाया बड़ा कदम, 31 स्टेशन पर यात्रियों दे रहा ये सुविधा
यूवी-सी में कम दूरी से रेडिएशन का उपयोग होता है जो कि वायरस के डीएनए और आरएनए पर अटैक करता है। इससे यात्रियों को सुरक्षित सफर करने में मदद मिलेगी।
By Prateek KumarEdited By: Updated: Sun, 20 Sep 2020 07:29 AM (IST)
नई दिल्ली, रणविजय सिंह। मेट्रो स्टेशनों को कोरोना के संक्रमण से मुक्त रखने के लिए अल्ट्रावायलेट- सैनिटाइजेशन (यूवी-सी) उपकरणों का इस्तेमाल शुरू किया गया है। इसके तहत फेज तीन के तीन कॉरिडोर के 31 भूमिगत स्टेशनों पर वायु नियंत्रक यूनिट में यूवी लैंप लगाए गए हैं। इस लैंप से निकलने वाले यूवी लाइट से कूलिंग क्वायल पर मौजूद वायरस व बैक्टीरिया नष्ट हो जाएंगे। राजीव चौक स्टेशन पर 10 स्वचालित सीढ़ियों (एस्केलेटर) में भी एलईडी आधारित यूवी-सी उपकरण का इस्तेमाल किया गया है। इससे स्वचालित सीढ़ियों के हैंडरेल पर मौजूद वायरस नष्ट हो जाएंगे।
स्वचालित सीढ़ियों के चलते ही हो जाता है ऑनडीएमआरसी का कहना है की स्टेशनों पर सामान्य तौर पर यात्री स्वचालित सीढ़ियों के हैंडरेल के संपर्क में आते हैं। इसलिए स्वचालित सीढि़यों के बीच यूवी-सी उपकरण लगाए गए हैं। स्वचालित सीढ़ियों के चलने पर यह ऑन होता है और स्वचालित सीढ़ियों के बंद होने पर ऑफ होता है। इस उपकरण से दो सेंटीमीटर से भी कम दूरी से रेडिएशन निकलता है। यात्रियों पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ता।
ऐसे करता है यह काम यूवी-सी में कम दूरी से रेडिएशन का उपयोग होता है जो कि वायरस के डीएनए और आरएनए पर अटैक करता है। इसे आइआइटी दिल्ली के बायोमेडिकल इंजीनियरिंग और डीआरडीओ ने मिलकर बनाया है। डीएमआरसी के अनुसार वायलेट लाइन के चार, पिंक लाइन के 12 व मजेंटा लाइन के 15 भूमिगत स्टेशनों पर वायु नियंत्रक यूनिट के कूलिंग क्वायल व ब्लोअर के बीच यूवी लैंप लगाए गए हैं। इससे निकलने वाली लाइट से कूलिंग क्वायल की सतह पर मौजूद वायरस या बैक्टीरिया नष्ट हो जाएंगे। सामान्य तौर पर पानी से वायु नियंत्रक यूनिट को साफ करना कठिन होता है। लेकिन यूवी लैंप के इस्तेमाल से कूलिंग क्वायल को संक्रमण मुक्त करना आसान होगा। साथ ही इससे पानी की बचत भी होगी।
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