राजीव शर्मा के संपर्क में रहने वाले कई और पत्रकार पुलिस की रडार पर, हो सकती है गिरफ्तारी
किंग शी ने जो टूर एंड ट्रैवल्स कंपनी अपने नाम पंजीकृत कराई थी। उसके माध्यम से वह राजीव को विदेश में टूर पर भेजती थी। इसका पूरा खर्च चीनी जासूस जॉर्ज उठाता था।
By Mangal YadavEdited By: Updated: Sun, 20 Sep 2020 11:43 AM (IST)
नई दिल्ली [राकेश कुमार सिंह]। चीन के लिए जासूसी कर रहे पत्रकार राजीव शर्मा से पूछताछ के बाद स्पेशल सेल के रडार पर राजधानी के कई और स्वतंत्र पत्रकार भी आ गए हैं। सूत्रों के मुताबिक कुछ संदिग्ध पत्रकारों से पूछताछ भी की जा चुकी है। स्पेशल सेल से जुड़े सूत्रों के मुताबिक रक्षा मंत्रलय व सीमा पर चल रही गतिविधियों से जुड़ी सूचनाएं हासिल करने के लिए चीनी जासूसों ने राजीव के माध्यम से राजधानी के कई और स्वतंत्र पत्रकारों से भी संपर्क किया है। इनके बारे में सेल की टीम जानकारी जुटा रही है, सुबूत मिलते ही उन्हें भी गिरफ्तार किया जाएगा।
आइबी का यह बड़ा ऑपरेशन माना जा रहा है। आइबी की सूचना पर स्पेशल सेल कई महीने से राजीव और उसके संपर्क में आने वाले लोगों पर नजर रख रही थी। पीआइबी कार्डधारक होने की वजह से वह मंत्रलय में आसानी से आता-जाता था और सूचनाएं जुटाकर तीन अलग-अलग ई-मेलआइडी, वाट्स एप व टेलीग्राम के माध्यम से अंग्रेजी में लिखकर चीन भेजता था। राजीव दलाई लामा और भारतीय सेना की सीमा पर गतिविधियों के बारे में भी जानकारी मुहैया कराता था। चीनी जासूस जॉर्ज ने उससे दलाई लामा से संबंधित भारत सरकार की हर छोटी-बड़ी जानकारी देने के लिए कहा था। राजीव नेपाल के काठमांडू से होते हुए चीन भी गया था, जहां उसकी जॉर्ज से मुलाकात हुई थी।
चीनी दंपती ने किंग शी व शेर सिंह को बनाया था दवा कंपनी का निदेशक
पूछताछ में पता चला है कि चीनी दंपती चांग लिया ली (ऊषा) और थैंक जैक (सूरज) कई साल पहले भारत आए थे। इन दोनों ने ऊषा और सूरज ने महिपालपुर में एमजेड फार्मेसी के नाम से दवा कंपनी का पंजीकरण कराया था। गिरफ्तार की गई किंग शी इस दंपती की रिश्तेदार है, जो 2015 में स्टूडेंट वीजा पर दिल्ली आई थी। इसके बाद उसने 2016 में जामिया मिल्लिया इस्लामिया में नर्सिग कोर्स में दाखिला लिया था। सूरज व ऊषा पिछले साल चीन लौट गए। इस पर उन्होंने अपनी दवा कंपनी का निदेशक किंग शी और अपने कार चालक शेर सिंह को बना दिया था। इसके बाद शी ने स्टूडेंट वीजा को बिजनेस वीजा में तब्दील करा लिया। ये दोनों इसी दवा कंपनी के नाम से भारत से दवाइयां चीन भेजते थे और इसके बदले चीन से हवाला के जरिये मोटी रकम मंगवा लेते थे।
कई प्रमुख अखबारों में काम कर चुका राजीव
डीसीपी ने बताया कि सरकारी एजेंसी की सूचना पर स्पेशल सेल ने 13 सितंबर को स्वतंत्र पत्रकार राजीव शर्मा के खिलाफ एफआइआर दर्ज की थी। इसके बाद बुधवार को उसे पीतमपुरा इलाके से गिरफ्तार किया था। 40 वर्षीय राजीव शर्मा ने कई बड़े अंग्रेजी अखबारों में काम किया है। इनमें टाइम्स ग्रुप, हिंदूुस्तान टाइम्स, टिब्यून, यूनीवार्ता सहित कई समाचार एजेंसियां शामिल हैं। 2010 के बाद से उसने स्वतंत्र पत्रकार के तौर पर काम करना शुरू किया था।
इसके बाद उसने 2010 से 2014 के बीच ग्लोबल टाइम्स के लिए साप्ताहिक कालम भी लिखे थे। 2016 में एक चीनी जासूस माइकल ने लिंक्डइन के जरिये उससे संपर्क किया और नौकरी का ऑफर दिया। इस पर राजीव चीन के कोंग विन शहर पहुंचा था, जिसका पूरा खर्चा जासूस ने उठाया था। उसके कहने पर ही उसने जासूसी शुरू की थी।रिजॉर्ट में ठहरने के लिए एक रात का देता था 7.34 लाखकिंग शी ने जो टूर एंड ट्रैवल्स कंपनी अपने नाम पंजीकृत कराई थी। उसके माध्यम से वह राजीव को विदेश में टूर पर भेजती थी। इसका पूरा खर्च चीनी जासूस जॉर्ज उठाता था। राजीव मलेशिया, थाइलैंड, मालद्वीप, चीन समेत कई देशों में अय्याशी करने के लिए जाता था। वहां वह 10 हजार अमेरिकी डॉलर (7.34 लाख रुपये) के किराये वाले रिजॉर्ट में रहता था। सेल को राजीव के घर से इसके सुबूत भी मिले हैं। इसके अलावा कई दस्तावेज भी बरामद हुए हैं, जिनमें कई अहम जानकारियां मिली हैं।Coronavirus: निश्चिंत रहें पूरी तरह सुरक्षित है आपका अखबार, पढ़ें- विशेषज्ञों की राय व देखें- वीडियो
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