Delhi: विजय चौक के पास प्रदर्शन कर रहे AAP समर्थकों को पुलिस ने हिरासत में लिया
संजय सिंह को संसद के बाकी बचे सत्र के निलंबित किए जाने के विरोध में आम आदमी पार्टी के समर्थकों ने विजय चौक के पास प्रदर्शन किया। इस दौरान पार्टी के कुछ समर्थकों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया।
By Mangal YadavEdited By: Updated: Mon, 21 Sep 2020 05:48 PM (IST)
नई दिल्ली, एएनआइ। राज्यसभा सदस्य संजय सिंह को संसद के बाकी बचे सत्र के निलंबित किए जाने के विरोध में आम आदमी पार्टी के समर्थकों ने विजय चौक के पास प्रदर्शन किया। इस दौरान पार्टी के कुछ समर्थकों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया।
प्रदर्शनकारियों को पुलिस थाने ले जाया गया है। जहां पर उन्हें कुछ समय के बाद छोड़ दिया जाएगा। बता दें कि रविवार को राज्यसभा से पास हुए कृषि विधेयक का आम आदमी पार्टी विरोध कर रही है।
कृषि विधेयकों के विरोध में अनिल चौधरी के नेतृत्व में कांग्रेस कार्यकर्ताओं का प्रदर्शनवहीं, कृषि विधेयकों के विरोध में दिल्ली प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अनिल चौधरी की अगुवाई में कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया। संसद के पास प्रदर्शन कर रहे कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने इस बिल को किसान विरोधी बताया।
बता दें कि राज्यसभा में भारी हंगामे के बाद रविवार को कृषि विधेयकों को पारित करा लिया गया। विपक्षी पार्टियां इस बिल का विरोध कर रही हैं। कांग्रेस और आम आदमी पार्टी समेत कई पार्टियां इसका विरोध कर रही हैं। किसी भी हद तक जाने को तैयार था विपक्षधक्कामुक्की, माइक की तोड़फोड़, रूल बुक के पन्ने फाड़कर फेंकना, हल्ला व शोरगुल। ये सभी दृश्य किसी स्कूल-कॉलेज के हॉस्टल या छात्रों के बीच की लड़ाई के नहीं, बल्कि देश के उच्च सदन यानी राज्यसभा के हैं। रविवार को ऐतिहासिक कृषि सुधारों के लक्ष्य के साथ पेश किए गए दो विधेयकों पर चर्चा के दौरान सदन इस शर्मसार करने वाले दृश्य का गवाह बना। इसी हंगामे के बीच सरकार ने दोनों विधेयकों को राज्यसभा से ध्वनिमत से पारित करा लिया।
राज्यसभा संसद में उच्च सदन का दर्जा रखती है, लेकिन इसमें रविवार को जो दृश्य दिखे, वे शर्मसार करने वाले थे। विपक्षी दल विधेयकों के विरोध में किसी भी हद तक जाने के लिए तैयार नजर आए, जिससे स्थितियां खराब हुईं।कृषि क्षेत्र में ऐतिहासिक सुधारों के लिए पारित हुए ये दो विधेयक1-कृषि उत्पादन व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन व सुविधा)यह किसानों को उनकी उपज देश में कहीं भी, किसी भी व्यक्ति या संस्था को बेचने की इजाजत देता है। इसके जरिये एक देश, एक बाजार की अवधारणा लागू की जाएगी। किसान अपना उत्पाद खेत में या व्यापारिक प्लेटफॉर्म पर देश में कहीं भी बेच सकेंगे।
2-मूल्य आश्वासन पर बंदोबस्ती और सुरक्षा समझौतायह कदम फसल की बोआई से पहले किसान को अपनी फसल को तय मानकों और तय कीमत के अनुसार बेचने का अनुबंध करने की सुविधा प्रदान करता है। इससे किसान का जोखिम कम होगा। खरीदार ढूंढने के लिए कहीं जाना नहीं पड़ेगा।राष्ट्रपति की मंजूरी बाकीइन दोनों विधेयकों को लोकसभा और राज्यसभा से मंजूरी मिल चुकी है। अब इन्हें कानून की शक्ल देने के लिए केवल राष्ट्रपति की मंजूरी बाकी है। आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 में संशोधन के लिए लाया गया तीसरा विधेयक लोकसभा से पारित हो चुका है। इसे सोमवार को राज्यसभा में पेश किया जा सकता है।Coronavirus: निश्चिंत रहें पूरी तरह सुरक्षित है आपका अखबार, पढ़ें- विशेषज्ञों की राय व देखें- वीडियो
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।