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मनीष सिसोदिया बोले- बेहतर योजना के लिए आंकड़ों को समझना जरूरी

Delhi Politics दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि राजधानी दिल्ली के सर्वांगीण विकास के समस्त पहलुओं को ध्यान में रखते हुए योजना निर्माण के लिए डाटा एनालिसिस की अच्छी समझ विकसित करने पर बल दिया।

By JP YadavEdited By: Updated: Tue, 22 Sep 2020 09:29 AM (IST)
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दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की प्रतीकात्मक फोटो।
नई दिल्ली [वीके शुक्ला]। आंकड़ों की बेहतर समझ से ही जनहित में बेहतर योजनाओं का निर्माण किया जा सकता है। यह बात दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने सोमवार को एडवांस डाटा एनालिसिस क्षमता विकास कार्यक्रम का ऑनलाइन उद्घाटन करते हुए कही। मनीष सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली के सर्वांगीण विकास के समस्त पहलुओं को ध्यान में रखते हुए योजना निर्माण के लिए डाटा एनालिसिस की अच्छी समझ विकसित करने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि आप आंकड़ों की जितनी अधिक गहराई में जाएंगे, आपको उतनी बेहतर योजना बनाने का अवसर मिलेगा।

दिल्ली के शिक्षा मंत्री सिसोदिया ने कहा कि हमारे पास आंकड़ों की भरमार होती है, लेकिन असली चीज तो उसकी समझ है। उसके विश्लेषण, रखरखाव और प्रसंस्करण की पद्धति ऐसी होनी चाहिए, जो हमें भविष्य की जरूरतों को पूरा करने में मदद करे। अगर आज हमें यह पता लगाना हो कि एक साल की उम्र के कितने बच्चे दिल्ली में हैं, तो हम आकलन कर पाएंगे कि छह साल बाद हमें स्कूलों में पहली कक्षा के लिए कितने क्लासरूम की जरूरत होगी। अगर हम आकलन करें कि आज पहली कक्षा में कितने बच्चे हैं और 12 साल बाद हमें बारहवीं की कितनी सीटों की जरूरत होगी। साथ ही यह आकलन भी किया जा सकेगा कि कितने इंफ्रास्ट्रक्चर की जरूरत होगी। योजना विभाग के अधिकारियों को इसकी गहरी समझ होनी चाहिए। दिल्ली सरकार के योजना विभाग से जुड़े 25 योजना और सांख्यिकी अधिकारियों के लिए यह क्षमता विकास कार्यक्रम एक सप्ताह चलेगा। इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन के सहयोग से यह प्रारंभ किया गया है। सिसोदिया ने सभी प्रतिभागी अधिकारियों को शुभकामनाएं दीं व प्रशिक्षकों के प्रति आभार प्रकट किया।

क्लीन डाटा तत्काल उपलब्ध कराने में सक्षम हो योजना विभाग

सिसोदिया ने कहा कि हमारे सभी विभाग, मंत्री और अधिकारी के लिए जरूरी हर आंकड़ा योजना विभाग के पास होना चाहिए। विभाग के पास ऐसी सक्षम टीम हो जो हमारी जरूरत के अनुसार क्लीन डाटा दो घंटे के भीतर उपलब्ध करा सके। सिसोदिया ने कहा कि अक्सर हम पॉलिसी फेल्योर की बात सुनते हैं। उसकी वजह यही होती है कि योजनाएं बनाते वक्त अधिकारियों को यह पता नहीं होता कि इसके लाभार्थी कितने लोग होंगे और कौन लोग होंगे।

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