2G spectrum case: जल्द सुनवाई की अपील का ए राजा, कनिमोई समेत अन्य ने किया विरोध
2G spectrum case प्रतिवादियों ने कोर्ट में सुनवाई के दौरान यह दलील दी कि कोविड-19 महामारी के दौरान अदालत की प्राथमिकता आरोपित व दोषी के मामलों की सुनवाई करना है और इस प्रक्रिया में बाधा नहीं डालना चाहिए।
By JP YadavEdited By: Updated: Tue, 22 Sep 2020 11:28 AM (IST)
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। टूजी घोटाला मामले में जल्द वर्चुअल सुनवाई की मांग को लेकर केंद्रीय जांच एजेंसी (सीबीआइ) व प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की तरफ से दाखिल आवेदन का पूर्व दूरसंचार मंत्री ए राजा, डीएमके राज्यसभा सदस्य कनिमोई समेत अन्य ने विरोध किया है। आवेदन पर प्रतिवादियों ने दलील दी कि कोविड-19 महामारी के दौरान अदालत की प्राथमिकता आरोपित व दोषी के मामलों की सुनवाई करना है और इस प्रक्रिया में बाधा नहीं डालना चाहिए। वहीं, एडिशनल सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) संजय जैन ने कहा कि सार्वजनिक हित में जिरह की जानी चाहिए। याचिका पर अगली सुनवाई 12 अक्टूबर को होगी। न्यायमूर्ति बृजेश सेठी की पीठ के समक्ष संजय जैन ने कहा कि मामले में कोई भी सबूत जुटाने की जरूरत नहीं है, सिर्फ मौखिक जिरह की जानी है जोकि वीडियो कान्फ्रेंस के माध्यम से की जा सकती है। उन्होंने कहा कि वैसे भी यह मामला सिर्फ आवेदक व अदालत के बीच है, क्योंकि प्रतिवादियों को इसमें ज्यादा कुछ नहीं कहना है। ए राजा की तरफ से पेश हुए अधिवक्ता मनु शर्मा ने कहा कि कोरोना महामारी के बीच प्राथमिकता के आधार पर अदालत सुनवाई कर रही है और इसमें बदलाव नहीं करना चाहिए।
वहीं, कई अन्य याचिकाकर्ताओं की तरफ से पेश हुए अधिवक्ता विजय अग्रवाल ने इसी मामले को जल्द सुनवाई के लिए चुनने पर जांच एजेंसियों पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि निचली अदालत द्वारा वर्ष 2002 के एडिशनल स्पेक्ट्रम आवंटन और एयरसेल मैक्सिस मामले में निचली अदालत ने आरोपितों को आरोप मुक्त कर दिया था और इसकी अपील याचिका हाई कोर्ट में लंबित है। ऐसे में इन दोनों मामलों में जांच एजेंसियों ने जल्द सुनवाई की मांग क्यों नहीं की।
अधिवक्ता तरन्नुम चीमा ने कनिमोई की तरफ से कहा कि जांच एजेंसी ने मामले में जल्द सुनवाई के लिए कोई विशेष कारण नहीं बताया है। टूजी घोटाला मामले में पटियाला हाउस की विशेष अदालत ने सीबीआइ द्वारा दर्ज किए गए टूजी घोटाला मामले में 21 दिसंबर 2017 को पूर्व दूरसंचार मंत्री ए राजा एवं राज्यसभा सदस्य कनिमोई समेत सभी 17 आरोपितों को को बरी कर दिया था।
वहीं ईडी द्वारा दर्ज किए गए मनी लां¨ड्रग मामले में डीएमके प्रमुख एम करुणानिधि की पत्नी दयालू अम्मल, विनोद गोयनका, आसिफ बलवा, फिल्म प्रोड्यूसर करीम मोरानी, पी. अमृथम, कलाईग्नर टीवी के निदेशक शरद कुमार को बरी किया गया था।Coronavirus: निश्चिंत रहें पूरी तरह सुरक्षित है आपका अखबार, पढ़ें- विशेषज्ञों की राय व देखें- वीडियो
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