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Coronavirus News Update: मोटापे से पीड़ित लोगों को खतरा ज्यादा, एम्स के अध्ययन में हुआ खुलासा

Coronavirus News Update एम्स द्वारा किए गए एक अध्ययन में यह बात सामने आई है कि पतले लोगों की तुलना में मोटापे से पीड़ित लोगों को कोरोना का संक्रमण होने का खतरा भी अधिक है। इसलिए मोटापे से पीडि़त लोगों को अधिक सतर्क रहने की जरूरत है।

By JP YadavEdited By: Updated: Wed, 23 Sep 2020 09:48 AM (IST)
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कोरोना काल में मोटापे से पीड़ित शख्स की सांकेतिक फोटो।
नई दिल्ली [रणविजय सिंह]। Coronavirus News Update:  कोरोना दिल, मधुमेह, ब्लड प्रेशर के मरीजों व मोटापे से पीडि़त लोगों के लिए अधिक जानलेवा है। यह बात डॉक्टर पहले से बताते रहे हैं। अब एम्स द्वारा किए गए एक अध्ययन में यह बात सामने आई है कि पतले लोगों की तुलना में मोटापे से पीड़ित लोगों को कोरोना का संक्रमण होने का खतरा भी अधिक है। इसलिए मोटापे से पीडि़त लोगों को अधिक सतर्क रहने की जरूरत है। एम्स के डॉक्टरों का यह अध्ययन हाल ही में अंतरराष्ट्रीय मेडिकल जर्नल (डायबिटीज एंड मेटाबोलिक सिंड्रोम: क्लीनिकल रिसर्च एंड रिव्यू) में प्रकाशित हुआ है। एम्स के मेडिसिन विभाग के डॉक्टरों ने 17 जून से तीन जुलाई के बीच 379 लोगों पर यह अध्ययन किया गया है। जिनकी औसत उम्र 35.6 थी। इनमें से 256 पुरुष व 132 महिलाएं थीं। ये सभी संदिग्ध मरीज थे। आरटीपीसीआर जांच में 253 लोगों की रिपोर्ट निगेटिव व 126 लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव थी।

वहीं, कोरोना निगेटिव लोगों की औसत बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआइ) 22.6 किलोग्राम प्रति वर्ग मीटर था। जिसमें से 53 फीसद लोगों का वजन सामान्य व 30 फीसद लोगों का वजन सामान्य से अधिक था। वहीं 14.3 फीसद लोग मोटे व सिर्फ 2.4 फीसद लोग बहुत मोटे थे। वहीं दूसरी ओर कोरोना से संक्रमित पाए गए लोगों की औसत बीएमआइ 28.8 फीसद था। जिसमें 57.4 फीसद मरीज मोटे व 36 फीसद बहुत मोटे थे। इस तरह 93.4 मरीज मोटापे से पीडि़त थे। चार फीसद लोगों का वजन भी सामान्य से अधिक था। सिर्फ 1.6 फीसद मरीज ऐसे थे, जिनका वजन सामान्य था। बीएमआइ 23 किलोग्राम प्रति वर्ग मीटर से अधिक होने पर हर एक यूनिट पर कोरोना का संक्रमण होने का खतरा 1.8 गुना बढ़ जाता है। इस वजह से मोटापा जितना अधिक होगा संक्रमण होने का खतरा उतना हीं अधिक है। इस वजह से मोटापा कोरोना होने का कारण बन सकता है।

इसका एक कारण यह बताया जा रहा है कि वसा युक्त टिश्यू में एसीई (एंजियोटेंसिन कंवर्टिंग एंजाइम)-1 रिसेप्टर के उच्च स्तर के कारण वायरल संक्रमण होने का खतरा अधिक होता है। वायरस एसीई2 रिसेप्टर के साथ शरीर की कोशिकाओं में प्रवेश कर जाते हैं। यह भी देखा गया है कि मोटोपे से पीडि़त कोरोना के मरीजों में वायरल लोड अधिक होता है। इसका असर इलाज पर पड़ता है।

मेडिसिन विभाग के अतिरिक्त सहायक प्रोफेसर डॉ. पियूष रंजन कहा कि यदि एक घर व कम्युनिटी में सामान्य वजन वाले व मोटे लोग हैं और उन्हें एक समान एक्सपोजर हो शुरुआती आंकड़े ऐसे मिले हैं कि मोटापे से पीडि़त लोगों को संक्रमण होने की आशंका अधिक है। संक्रमण होने पर ऐसे लोगों के लिए कोरोना खतरनाक भी ज्यादा है।

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