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Delhi Air Pollution: दिल्ली-NCR में 15 अक्टूबर से लागू होगा ग्रेप, जानें इससे आप पर क्या पड़ेगा असर

Delhi Air pollution दिल्ली-एनसीआर में ग्रेप 15 अक्टूबर से 15 मार्च तक लागू रहेगा। इसी दिन से डीजल जेनरेटर सेट पर भी रोक लग जाएगी। ग्रेप के दौरान सड़कों की सफाई तकनीक के जरिये होने लगेगी। आवश्यक सेवाओं के लिए जेनरेटर चलाने की छूट रहेगी।

By Mangal YadavEdited By: Updated: Tue, 29 Sep 2020 10:39 AM (IST)
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दिल्ली-एनसीआर में ग्रेप 15 अक्टूबर से 15 मार्च तक लागू रहेगा। फाइल फोटो

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। भले ही इस समय दिल्ली-एनसीआर की हवा सामान्य श्रेणी में चल रही हो, लेकिन आने वाले दिनों में यह खराब हो सकती है। इस स्थिति से निपटने के लिए 15 अक्टूबर से ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रेप) लागू किया जा रहा है। पर्यावरण संरक्षण एवं प्रदूषण नियंत्रण प्राधिकरण (ईपीसीए) जल्द ही दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और स्थानीय निकायों के साथ बैठक करेगा। बैठक में प्रदूषण से जंग के लिए की जा रही तैयारियों पर चर्चा के अलावा कुछ नए प्रतिबंधों को लेकर भी सुझाव रखे जाएंगे।

दिल्ली-एनसीआर में ग्रेप 15 अक्टूबर से 15 मार्च तक लागू रहेगा। इसी दिन से डीजल जेनरेटर सेट पर भी रोक लग जाएगी। ग्रेप के दौरान सड़कों की सफाई तकनीक के जरिये होने लगेगी। कच्ची और टूटी सड़कों पर पानी का छिड़काव करने, निर्माण कार्य वाली साइटों पर निरीक्षण और धूल से रोकने के इंतजाम, गाड़ियों की सघन चेकिंग, ट्रैफिक जाम न लगे, इसकी कोशिश करने जैसे निर्देश दिए जाएंगे। होटल, रेस्तरां और ढाबों में कोयला और लकड़ी जलाने पर भी रोक रहेगी। ईंट भट्ठे वही चलाए जा सकेंगे जो जिग जैग तकनीक वाले होंगे। हॉट मिक्स प्लांट व स्टोन क्रशर पर धूल बैठाने वाले उपाय किए जाएंगे।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) की 46 और दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) की 13 टीमों सहित स्थानीय निकाय भी खुले में आग जलाने, निर्माण स्थलों पर हो रही लापरवाही पर नजर रखेंगे। ट्रैफिक पुलिस प्रदूषण फैला रही गाड़ियों का चालान करेगी। अंधेरे में भी प्लास्टिक, रबड़ व प्रतिबंधित ईंधन नहीं जलने दिया जाएगा। रात्रि गश्त के लिए टीमें गठित हो रही हैं। जिन औद्योगिक इकाइयों में प्रदूषण फैलाने वाले ईंधन का इस्तेमाल हो रहा है, उन्हें सील किया जाएगा।

ईपीसीए अध्यक्ष भूरेलाल ने बताया कि डीजल जेनरेटर को लेकर इस साल कोई छूट नहीं दी जाएगी। पिछले साल सभी शहरों के जिला प्रशासन ने लिखित में आश्वासन दिया था कि अगले साल तक इस दिशा में आने वाली सभी रुकावटें दूर कर ली जाएंगी। हालांकि आवश्यक सेवाओं के लिए जेनरेटर चलाने की छूट रहेगी।

ग्रेप के दौरान इस बार ज्यादा सख्ती बरतेगा ईपीसीए

पर्यावरण संरक्षण एवं प्रदूषण नियंत्रण प्राधिकरण (ईपीसीए) ने ग्रेप के दौरान इस बार ज्यादा सख्ती बरतने की तैयारी कर ली है। राजस्थान के बाद अब हरियाणा सरकार को सर्दियों में वायु प्रदूषण से निपटने की तैयारी पूरी करने के निर्देश दिए गए हैं। 15 दिनों के भीतर हरियाणा सरकार से एनसीआर में आने वाले सभी जिलों से कचरा व मलबा साफ करने को भी कहा है। यह निर्देश ईपीसीए अध्यक्ष भूरेलाल ने सोमवार को राज्य के आला अधिकारियों के साथ वीडियो कान्फ्रेंस के जरिये हुई एक समीक्षा बैठक में दिए। इस बैठक में ईपीसीए सदस्य सुनीता नारायण और हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य सचिव एस नारायणन भी थे।

भूरेलाल ने बताया कि उन्होंने हाल ही में फरीदाबाद, गुरुग्राम, बहादुरगढ़, सोनीपत एवं पानीपत का दौरा किया था। इस दौरान उन्होंने पाया कि अधिकांश जिलों में जगह-जगह कचरे और मलबे के ढेर लगे हुए हैं। यही कचरा और मलबा वायु प्रदूषण बढ़ाने में सहायक साबित होंगे। 15 अक्टूबर से ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रेप) लागू होने के मद्देनजर उन्होंने राज्य के अधिकारियों से कचरे और मलबे को हटाने सहित अगले एक पखवाड़े में वे सभी तैयारियां करने का निर्देश दिया, जिससे प्रदूषण को काबू में रखा जा सके।

जागरण से बातचीत में नारायणन ने बताया कि हरियाणा की ओर से सर्दियों में वायु प्रदूषण से निपटने की सभी तैयारियां कर ली गई हैं। अगले 15 दिनों में सारा मलबा साफ कर दिया जाएगा। पराली न जले इसके लिए प्रयास किए जा रहे हैं। इसके अलावा ग्रेप के बेहतर क्रियान्वयन के लिए भी विभिन्न विभागों के साथ बैठकों का दौर जारी है।

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