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लखनऊ एयरपोर्ट पर तैनात CISF सिपाही ने उपलब्ध कराया था हल प्रश्न-पत्र, नही मिली अग्रिम जमानत

न्यायमूर्ति सुरेश कुमार कैत की पीठ ने अग्रिम जमानत याचिका खारिज करते हुए कहा कि गिरफ्तार मुनेश ने अपराध की पूरी कड़ी की जानकारी दी है। सीताराम को हिरासत में लेकर पूछताछ करने की जरूरत है और उसे अग्रिम जमानत नहीं दी जा सकती है।

By Mangal YadavEdited By: Updated: Tue, 29 Sep 2020 12:27 PM (IST)
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एपीपी शर्मा ने सीताराम की अग्रिम जमानत याचिका का विरोध किया

नई दिल्ली [विनीत त्रिपाठी]। केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआइएसएफ) एएसआइ-एलडीसीआइ की अांतरिक विभागीय परीक्षा-2019-20 का प्रश्न पत्र व उत्तर-कुंजी लखनऊ एयरपोर्ट पर तैनात सीआइएसएफ सिपाही तिकेंद्र ने अपने दोस्त आरोपित मुनेश को उपलब्ध कराई थी। मुनेश ने इसे मथुरा रेलवे स्टेशन सिपाही सीताराम को उपलब्ध कराया और सीताराम ने इसे आगे सभी परीक्षार्थियों को बेचा। वहीं, सिपाही सुनील सिंह के कहने पर सीताराम मथुरा रेलवे स्टेशन पर मुनेश से प्रश्न पत्र व उत्तर-कुंजी लेने पहुंचा था।

अतिरिक्त लोक अभियोजक (एपीपी) हिरेन शर्मा ने सीताराम की अग्रिम जमानत का विरोध करते हुए दिल्ली हाई कोर्ट में यह जानकारी दी। एपीपी शर्मा ने बताया कि 31 अगस्त को मथुरा से गिरफ्तार किए गए मुनेश ने बताया है कि सिपाही तिकेंद्र के माध्यम से पेपर को बेचता था। उसने अपने पिता के बैंक खाते में सिपाही सुनील सिंह से 1.90 लाख रुपये भी लिए थे। मुनेश की जानकारी पर पुलिस ने तिकेंद्र की तलाश में लखनऊ एयरपोर्ट से लेकर उसके घर पर छापेमारी की, लेकिन वह अब तक फरार है।

एपीपी शर्मा ने सीताराम की अग्रिम जमानत याचिका का विरोध किया। वहीं, सीताराम ने दावा कि उसने कोई अपराध नहीं किया है और परिजनों की आजीविका का अंतिम स्रोत है, ऐसे में उसे अग्रिम जमानत दी जानी चाहिए। न्यायमूर्ति सुरेश कुमार कैत की पीठ ने अग्रिम जमानत याचिका खारिज करते हुए कहा कि गिरफ्तार मुनेश ने अपराध की पूरी कड़ी की जानकारी दी है। सीताराम को हिरासत में लेकर पूछताछ करने की जरूरत है और उसे अग्रिम जमानत नहीं दी जा सकती है।

यह है मामला

याचिका के अनुसार, 16 फरवरी 2020 को महिपालपुर उत्तरी-रेंज सीआइएसएफ मुख्यालय द्वारा परीक्षा का आयोजन हुआ था। 17 फरवरी को साउदर्न रेंज मुख्यालय को दो सिपाहियों ने सूचित किया कि 16 फरवरी की शाम चेन्नई की यात्रा के दौरान उन्होंने परीक्षा प्रश्न-पत्र व हस्त लिखित उत्तर-कुंजी सिपाही ओंकार सिंह कुशवाहा के मोबाइल पर देखी है। उनकी शिकायत पर सीआइएसएफ ने कुशवाहा से पूछताछ की और एक दर्जन सिपाहियों के पास उत्तर-कुंजी मिलने की बात सामने आई।

अंत में पता चला कि सीताराम के माध्यम से सभी को उत्तर-कुंजी बेची गई थी। सीताराम ने बताया कि इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर तैनात सिपाही सुनील कुमार ने 3.50 लाख रुपये में प्रश्न-पत्र व उत्तर-कुंजी उपलब्ध कराने की बात की थी। उसी के कहने पर जब वह मथुरा रेलवे स्टेशन पहुंचा तो मुनेश ने उस प्रश्न पत्र व उत्तर-कुंजी दी थी। सीआइएसएफ की शिकायत पर दो मार्च को वसंत कुंज थाने में रिपोर्ट दर्ज की गई थी।

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