केंद्र के विभागों व निगमों पर 6811 करोड़ पानी का बिल बकाया, जल्द करें भुगतानः राघव चड्ढा
राघव ने यह भी कहा कि बकाया भुगतान नहीं करने पर जल बोर्ड प्रावधानों के अनुसार कार्रवाई कर सकता है। उन्होंने कहा कि सबसे ज्यादा भारतीय रेल पर 3283 करोड़ रुपये का बिल बकाया है। केंद्रीय लोग निर्माण विभाग के पास 190 करोड़ बकाया है।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। दिल्ली जल बोर्ड ने केंद्र सरकार के चार विभागों व तीनों नगर निगमों पर कुल 6811 करोड़ रुपये के पानी का बिल बकाया होने की बात कही है। जल बोर्ड ने उन सभी एजेंसियों को नोटिस जारी कर 30 दिन में पानी का बकाया बिल भुगतान करने का निर्देश दिया है। बकाया बिल भुगतान नहीं करने पर कनेक्शन काटे जा सकते हैं। हालांकि जल बोर्ड के उपाध्यक्ष राघव चड्ढा ने मंगलवार को कहा कि उन्हें उम्मीद है कि संबंधित विभाग अपना बकाया बिल भुगतान कर देंगे।
राघव ने यह भी कहा कि बकाया भुगतान नहीं करने पर जल बोर्ड प्रावधानों के अनुसार कार्रवाई कर सकता है। उन्होंने कहा कि सबसे ज्यादा भारतीय रेल पर 3283 करोड़ रुपये का बिल बकाया है। केंद्रीय लोग निर्माण विभाग (सीपीडब्ल्यूडी) के पास 190 करोड़, डीडीए के पास 128 करोड़, दिल्ली पुलिस के पास 614 करोड़, पूर्वी दिल्ली नगर निगम के पास 49 करोड़, उत्तरी दिल्ली निगम के पास 2466 करोड़ व दक्षिणी दिल्ली नगर निगम के पास 81 करोड़ रुपये बकाया है। उन्होंने कहा कि कुछ बकाये तो वर्ष 2013 व वर्ष 2014 के हैं। कई बार नोटिस जारी करने के बावजूद भुगतान नहीं किया गया, लेकिन इस बार एक से 15 सितंबर के बीच उन सभी विभागों को अंतिम नोटिस जारी कर बकाया भुगतान करने के लिए कहा गया है।
राघव चड्ढा ने कहा कि इस सच्चाई से मुंह नहीं मोड़ा जा सकता है कि कोरोना व लॉकडाउन के कारण अर्थव्यवस्था चरमराई हुई है। सभी राज्य सरकारें व सरकारी विभाग वित्तीय संकट से जूझ रहे हैं। केजरीवाल सरकार मुस्तैदी से कोरोना से लड़ रही है। इस लड़ाई को आसान बनाने के लिए जरूरी है कि केंद्र सरकार के विभाग व तीनों नगर निगम पानी के बकाये बिल का भुगतान करें। जल बोर्ड पर भी बकाया है। कई बड़ी परियोजनाओं पर काम चल रहा है। लिहाजा, बकाया राशि की वसूली बोर्ड के लिए बहुत जरूरी है।
दिल्ली जल बोर्ड की बदहाली के लिए आप सरकार जिम्मेदार: आदेश गुप्ता
वहीं, दिल्ली प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने कहा कि आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार आने से पहले दिल्ली जल बोर्ड लगभग 176 करोड़ रुपये के लाभ में था। अब वह लगभग 800 करोड़ रुपये के घाटे में आ गया है। आप सरकार ने टैंकर माफिया को खत्म करने की बात कही थी। टैंकर माफिया का आतंक कम होने के बजाय बढ़ गया है। आप के विधायक पर दिल्ली जल बोर्ड में टैंकर लगवाने के नाम पर रिश्वत लेने के आरोप लगे हैं। उन्होंने कहा कि दिल्ली जल बोर्ड को कंगाल करने के बाद अब इसे निजी हाथों में सौंपने की साजिश हो रही है।
उन्होंने कहा कि आप सरकार पर नगर निगमों के करोड़ों रुपये बकाया है। फंड नहीं मिलने से निगमों की आर्थिक स्थिति खराब होती जा रही है। राजनीतिक द्वेष के चलते छह सालों से दिल्ली सरकार निगमों को पूरा फंड नहीं दे रही है। उन्होंने कहा कि सरकार को राजनीतिक द्वेष छोड़कर दिल्लीवासियों के हित में काम करना चाहिए। निगमों को फंड देने के साथ ही दिल्ली जल बोर्ड की दशा सुधारने के लिए उचित कदम उठाना चाहिए।
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