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Coronavirus News Update: आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से होगी कोरोना के लिए सटीक दवा की पहचान

Coronavirus News Update प्रो. अंग्शुल मजूमदार और उनकी टीम ने एक ऐसी तकनीक विकसित की है जिससे सैकड़ों दवाओं के डेटाबेस से उन दवाओं या फार्मूले की पहचान की जा सकेगी जिससे कोविड-19 का इलाज किया जा सके।

By JP YadavEdited By: Updated: Thu, 01 Oct 2020 09:01 AM (IST)
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कोरोना वायरस संक्रमण की संभावित दवाई की सांकेतिक फोटो।

नई दिल्ली [अरविंद कुमार द्विवेदी]। Coronavirus News Update: दिल्ली के ओखला स्थित इंद्रप्रस्थ इंस्टीट्यूट ऑफ इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी (Indraprastha Institute of Information Technology) के प्रो. अंग्शुल मजूमदार व उनकी टीम ने ऐसी तकनीक विकसित की है, जिससे सैकड़ों दवाओं के डेटाबेस से उन दवाओं या फार्मूले की पहचान की जा सकेगी, जिससे कोविड-19 का इलाज किया जा सके। आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआइ) के इस्तेमाल से ऐसा संभव हो सका है।

मिली जानकारी के मुताबिक, इस तकनीक ने सैकड़ों दवाओं के डेटाबेस से क्लोरोक्वीन, रेमडेसिवीर, फेविपिरविर और यूमिफेनोविर नाम की दवाएं सर्च कर लीं, जिनका इस्तेमाल भारत व अन्य देशों में कोविड-19 के इलाज में पहले से ही किया जा रहा है।

इस तकनीक का नाम डीपवीर रखा गया है। यह डीप लर्निंग के सिद्धांत पर काम करती है। यह शोध प्रो. अंग्शुल मजूमदार, उनकी छात्रा डॉ. आंचल मोंगिया, एमटेक छात्रा स्तुति जैन व पेरिस स्थित आइएनआरआइए के प्रो. एमिलि चोजनॉक्स ने मिलकर किया है।

प्रो. अंग्शुल मजूमदार ने बताया कि एंटीवायरल के चयन के लिए एआइ द्वारा संचालित यह पहला अध्ययन है। वैज्ञानिकों की भाषा में इसे ड्रग री-पोजिशनिंग कहा जाता है। इसके तहत आरएनए वायरस के जेनोमिक स्ट्रक्चर और उनका मनुष्यों पर प्रभाव (करीब 40 वायरस व उनके लक्षण) के साथ ही उनकी रासायनिक संरचना व क्रियातंत्र का डेटाबेस तैयार किया। इसके बाद इस डेटाबेस पर डीपवीर की मदद से इलाज करने वाली दवाओं की सटीक पहचान की गई।

प्रो. अंग्शुल मजूमदार ने बताया कि इस तकनीक से किसी भी वायरस के इलाज के लिए एंटीवायरल या दवा की पहचान की जा सकती है। लेकिन, कोरोना संकट को देखते हुए फिलहाल कोविड-19 की दवा पर ही फोकस किया जा रहा है। भविष्य में इस तकनीक में बहुत संभावनाएं हैं।

गौरतलब है कि पिछले महीने केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्ष वर्धन (Health minister Dr Harsh Vardhan) ने अहम बयान दिया था, जिसके मुताबिक, देश में साल के अंत तक घातक कोरोना वायरस के खिलाफ वैक्सीन आ जाएगी। पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा था कि अगले चार से पांच महीनों में कोविड-19 की वैक्सीन उपलब्ध होने की संभावना है। इसके बाद मंत्री ने हिंदी भाषा में एक ट्वीट करते हुए कहा था- 'कब तक आएगी कोरोना की वैक्सीन? पत्रकारों के इस सवाल पर मैंने उम्मीद जताई कि अगर सब कुछ ठीक रहा तो भारत इस साल के आखिर तक कोरोना वैक्सीन हासिल कर लेगा।'

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