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Delhi: वीर चक्र विजेता कैप्टन कुमुद कुमार के नाम पर रखा गया पश्चिम विहार की एक मुख्य सड़क का नाम

वीर चक्र अवार्डी कैप्टेन कुमुद कुमार के नाम पर दिल्ली के पश्चिम विहार ए 3 ब्लाक की मुख्य सड़क का नामकरण कर दिया गया है। यह मार्ग अब वीर चक्र कैप्टन कुमुद कुमार मार्ग के नाम से जाना जाएगा।

By JP YadavEdited By: Updated: Sun, 04 Oct 2020 07:23 AM (IST)
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कैप्टन कुमुद कुमार के नाम पर पश्चिम विहार ए 3 ब्लाक की मुख्य सड़क का नामकरण करते नेता गण।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। वर्ष 1971 के भारत पाकिस्तान युद्ध में राजपूत रेजिमेंट का नेतृत्व कर रहे कैप्टन कुमुद कुमार को अद्मम्य साहस, पराक्रम, नेतृत्वशक्ति और देश के प्रति समर्पण के लिए वीर चक्र से सम्मानित किया गया था। अब उन्हीं वीर चक्र अवार्डी कैप्टन कुमुद कुमार के नाम पर पश्चिम विहार ए 3 ब्लाक की मुख्य सड़क का नामकरण कर दिया गया है। यह मार्ग अब वीर चक्र कैप्टन कुमुद कुमार मार्ग के नाम से जाना जाएगा। शनिवार को एक समारोह के दौरान उत्तरी दिल्ली नगर निगम में स्वास्थ्य समिति के चेयरमैन विनीत वोहरा की अध्यक्षता में आयोजित मार्ग का नामकरण उत्तरी दिल्ली नगर निगम के महापौर जयप्रकाश, नेता सदन योगेश वर्मा द्वारा किया गया। नामकरण के दौरान वीर चक्र अवार्डी कैप्टन कुमुद कुमार की पत्नी संतोष कुमुद कुमार के साथ कैप्टेन कुमुद की रेजिमेंट के पूर्व कमान अधिकारी, कर्नल बलबीर सिंह, उनकी धर्मपत्नी और इलाके के गणमान्य जसवंत यादव, प्रिति ढूल, योगेश हरजाई, संदीप मेहता उर्फ बॉबी और उत्तम रावत मौजूद रहे।

सभा में संबोधन के दौरान विनीत वोहरा ने बताया कि कैप्टन कुमुद कुमार का जन्म एक फौजी परिवार में हुआ था और उनकी शिक्षा लुधियाना में हुई। उन्होंने इंडियन मिलिट्री अकादमी देहरादून से ऑफिसर्स ट्रेनिंग पूरी की और राजपूत रेजिमेंट में कमीशंड ऑफिसर के पद पर कार्यरत हुए। 1971 के युद्ध में कैप्टन कुमुद कुमार की रेजिमेंट 2 राजपूत को देश की उत्तरी सीमा पर युद्ध पर जाने का हुक्म दिया गया। वर्तमान में जिसे हम बंग्लादेश के नाम से जानते हैं, 1971 तक उस देश पर पाकिस्तान का कब्जा था, जिसे तब तक ईस्ट पाकिस्तान के नाम से जाना जाता था। भारतीय सेना ने उत्तरी और पश्चिमी दोनों मोर्चों पर एक साथ युद्ध किया, जिसमें कैप्टेन कुमुद कुमार उत्तरी मोर्चे पर तैनात थे। कैप्टन कुमुद युद्ध के दौरान जनरल वीके सिंह के साथ थे, जो उन्हीं के रेजिमेंट के अफसर थे और बाद में आर्मी चीफ बने और अब केंद्र सरकार में माननीय मिनिस्टर ऑफ़ स्टेट फॉर रोड ट्रांसपोर्ट एंड हाइवेज हैं।

युद्ध जब चरम सीमा पर था तब कैप्टन कुमुद कुमार को उत्तरी मोर्चे पर पाकिस्तानी सेना के एक अवरोध को सफाया करने का आदेश मिला था। इस दौरान जब वे आगे बढ़ रहे थे तो दुश्मन ने उन पर मीडियम मशीनगन से गोलाबारी शुरू कर दी। कैप्टन कुमुद अपनी जान की परवाह किए बिना आगे बढ़ते रहे और अपनी जान की परवाह किए बिना मशीन गन बंकर को ग्रेनेड दागकर शांत कर दिया। इस दुस्साहस से दुश्मन के हौसले पस्त हो गए और कैप्टेन कुमुद की पलटन ने उस इलाके पर कब्जा कर लिया था। इस साहसी कार्य के लिए कैप्टेन कुमुद कुमार को भारत सरकार द्वारा वीर चक्र से सम्मानित किया गया।

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