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यमुना खादर के वंचित बच्चों को दहलीज पर जाकर शिक्षित करेगा नगर निगम

शिक्षा समिति के अध्यक्ष रोमेश गुप्ता ने बताया कि पूर्वी दिल्ली नगर निगम के शिक्षा विभाग की टीम यमुना खादर में शिक्षा से वंचित चार से 11 वर्ष तक के बच्चों को चिह्नित कर रही है। अनुमान है कि खादर में करीब 3500 बच्चे ऐसे होंगे जो स्कूल नहीं जाते।

By Neel RajputEdited By: Updated: Fri, 30 Oct 2020 02:39 PM (IST)
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तीन हजार से ज्यादा बच्चों को मिलेगा लाभ

नई दिल्ली [आशीष गुप्ता। यमुना खादर में शिक्षा से वंचित बच्चों को पूर्वी दिल्ली नगर निगम उनकी दहलीज पर जाकर शिक्षित करेगा। इसके लिए स्कूल शिक्षा आपके द्वार कार्यक्रम शुरू किया जाएगा। मयूर विहार के पास यमुना खादर से इसकी शुरुआत होगी। निगम की शिक्षा समिति के अध्यक्ष रोमेश गुप्ता ने शुक्रवार को अधिकारियों के साथ इस सिलसिले में मयूर विहार खादर क्षेत्र की तीन बस्तियों में निरीक्षण किया। वहां किसानों से बातचीत के बाद टेंट और पोर्टा केबिन में स्कूल संचालित करने के लिए जगह का चयन किया। उन्होंने बताया कि सोमवार को जगह का उपयोग करने के लिए दिल्ली विकास प्राधिकरण और उप राज्यपाल को प्रस्ताव भेजा जाएगा।

3500 हजार बच्चे वंचित

शिक्षा समिति के अध्यक्ष रोमेश गुप्ता ने बताया कि पूर्वी दिल्ली नगर निगम के शिक्षा विभाग की टीम यमुना खादर में शिक्षा से वंचित चार से 11 वर्ष तक के बच्चों को चिह्नित कर रही है। अनुमान है कि खादर में करीब 3500 बच्चे ऐसे होंगे, जो स्कूल नहीं जाते। उन्होंने बताया कि अब तक 1500 बच्चे चिह्नित किए जा चुके हैं। इनमें से 460 बड़े बच्चों को करीब के निगम स्कूलों में दाखिला दिलाया जा चुका है। बाकियों को चिह्नित करने के लिए सर्वे जारी है।

तीन से चार किलोमीटर दूर हैं स्कूल

किसानों ने उन्हें बताया कि नगर निगम के स्कूल यमुना खादर से तीन से चार किलोमीटर दूर है। छोटे बच्चे इतनी दूर पैदल नहीं जा सकते। साथ ही उन्होंने देखा कि यमुना खादर की बस्तियों में तीन स्वयं सेवी संस्थाओं के लोग बच्चों को झोपड़ी में शिक्षा दे रहे थे। निगम स्कूलों में पढ़ने वाले कुछ छात्र-छात्राएं टीम को मिलीं। इस निरीक्षण में निगम की शिक्षा समिति के सदस्य विनोद बछेती, शाहदरा दक्षिणी जोन के शिक्षा विभाग के उप निदेशक अनिल बालियान व स्कूल निरीक्षक मौजूद रहे।

अध्यापकों की गलती के कारण छात्र फेल, शिक्षा विभाग ने दिया 1 लाख रुपये मुआवजा

बुराड़ी के एक स्कूल के छात्र अर्जुन चौधरी को उनके परीक्षा परिणाम के साथ हुई लापरवाही के लिए शिक्षा विभाग ने मुआवजे के तौर 1लाख का भुगतान किया है। वर्ष 2017 में कादीपुर स्थित राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक बाल विद्यालय के कुछ अध्यापकों की लापरवाही के कारण 10वीं में अच्छे अंक मिलने के बाद भी अर्जुन को फेल कर दिया गया था। मामले में पता चला कि शिक्षकों द्वारा उसके अंक बोर्ड को नहीं भेजे गए। जांच में स्कूल के प्रिंसिपल और 2 अध्यापकों की गलती सामने आई। इसके बाद आयोग ने शिक्षा विभाग को आदेश दिया कि दोषी अध्यापकों के खिलाफ कार्रवाई की जाए और छात्र को मुआवजे के तौर पर एक लाख रुपये का भुगतान किया गया है।

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