वाहनों को क्षति पहुंचा रहे ऊंचे-ऊंचे 'स्पीड ब्रेकर', रफ्तार भी हुई प्रभावित
करीब हर 500 मीटर से लेकर एक किलोमीटर की दूरी पर बने गति अवरोधक रफ्तार पकड़ने से पहले ही रफ्तार को कम कर देते हैं। कई वर्ष पहले सड़कों से सभी गति अवरोधकों को हटा दिया गया था।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। बाहरी दिल्ली में गति अवरोधकों (स्पीड ब्रेकर) की भरमार है। कंझावला से औचंदी रोड हो या औचंदी से प्रह्लादपुर रोड, हर रोड पर गति अवरोधक बनाए गए हैं। ये गति अवरोधक छोटे मोटे नहीं हैं। इनको काफी ऊंचा किया गया है। जिस कारण वाहन नीचे से ब्रेकर पर ही लग जाते हैं। इन गति अवरोधकों की वजह से एक तरफ वाहन क्षतिग्रस्त हो रहे हैं, वहीं दूसरी ओर उनकी रफ्तार भी 'संक्रमित' हो रही है। वाहन चाहकर भी रफ्तार नहीं पकड़ पाते। करीब हर 500 मीटर से लेकर एक किलोमीटर की दूरी पर बने गति अवरोधक रफ्तार पकड़ने से पहले ही रफ्तार को कम कर देते हैं। कई वर्ष पहले सड़कों से सभी गति अवरोधकों को हटा दिया गया था। इनमें से कुछ को तो लोगों ने दोबारा बना लिया और कुछ को तोड़ा ही नहीं गया।
कटेवड़ा मोड पर दो गति अवरोधक हैं। इससे थोड़ा आगे चलने पर मुंगेशपुर के जवाहर नवोदय विद्यालय के बाहर फिर गति अवरोधक है। आगे चल कर गांव में भी गति अवरोधक है। ऐसे ही स्पीड ब्रेकर औचंदी गांव, दरियापुर गांव, बवाना, बरवाला, प्रह्लादपुर गांव, जटखोड़ मोड़, पंजाब खोड़, जौन्ती आदि गांवों में वाहनों की रफ्तार पर ब्रेक लगा रहे हैं। इस वजह से यातायात जाम भी लगता है और ईंधन भी बर्बाद होता है।
कई स्पीड ब्रेकर तो इतने ऊंचे बनाए गए हैं कि उन पर ट्रक व कारों की सतह लग जाती है। ट्रकों के एक्सल भी स्पीड ब्रेकर पर कई बार टूट जाते हैं। इसके बाद पींछे लंबा जाम लग जाता है। वहीं, ग्रामीण लोगों का कहना है कि सड़क पर कई बार गांवों के छोटे बच्चे भी आते हैं। इसलिए स्पीड ब्रेकर होना जरुरी है।
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