Diwali 2020: दिल्ली के कारोबारियों के लिए फीकी नहीं जाएगी इस बार की दीपावली
Diwali 2020 बाजारों में भीड़ के सिर्फ सकारात्मक नतीजे ही आएंगे। सभी एसोसिएशन अपनी-अपनी मार्केट में सर्कुलर जारी करें। कोरोना महामारी के बीच सभी दुकानदार अपनी-अपनी दुकान पर मास्क अनिवार्य करें। खुद भी मास्क पहनें और अपने कर्मचारी को पहनाएं।
नई दिल्ली। दीपावली करीब आ रही है और हमेशा की तरह साल के सबसे बड़े त्योहार की खरीदारी के लिए बाजारों में भीड़ उमड़ पड़ी है। बात चाहे चांदनी चौक की हो या सदर बाजार की, हर बाजार में भीड़ है। व्यापार की दृष्टि से भीड़ अच्छी है, लेकिन कोविड-19 महामारी को भी ध्यान में रख समझदारी से खरीदारी करने की जरूरत है। इन्हीं सब पहलुओं को लेकर दैनिक जागरण के नेमिष हेमंत ने चैंबर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री (सीटीआइ) के चेयरमैन बृजेश गोयल से विस्तार में बात की। पेश हैं उस बातचीत के प्रमुख अंश:
बाजारों में भीड़ बढ़ने को लेकर आपकी क्या राय है
- भाई देखो, कारोबार की दृष्टि से यह अच्छा संकेत है। बाजारों में भीड़ बढ़ रही है और खरीदारी हो रही है तो यह कारोबारी के लिए राहत है, क्योंकि पिछले कुछ समय से जो माहौल रहा है, उसे देखकर तो लग रहा था कि त्योहार का मौसम ठप हो जाएगा। व्यापारी वर्ग को तो यह सीजन सूना जाने की चिंता थी। अब बाजारों में भीड़ बढ़ेगी तो स्वभाविक है कि बिक्री भी बढ़ेगी।
तो क्या भीड़ से कोई खतरा नहीं है?
- ऐसा नहीं है कि बाजारों में भीड़ के सिर्फ सकारात्मक नतीजे ही आएंगे। भीड़ से खतरा भी है, क्योंकि कोरोना के मामले बढ़ने लगे हैं। इसके लिए हम लोग जल्द ही वर्चुअल बैठक बुलाने जा रहे हैं। उसमें निर्देश देंगे कि सभी एसोसिएशन अपनी-अपनी मार्केट में सर्कुलर जारी करें। कोरोना महामारी के बीच सभी दुकानदार अपनी-अपनी दुकान पर मास्क अनिवार्य करें। खुद भी मास्क पहनें और अपने कर्मचारी को पहनाएं। जो ग्राहक मास्क के बगैर आए, उसे सामान न दें। ग्राहक को सैनिटाइज करें और शारीरिक दूरी का पालन जरूर करें।
इस बार बाजार से क्या उम्मीद है
-यह त्योहार का सबसे बड़ा सीजन है और दीपावली सबसे बड़ा त्योहार है। इस सीजन का इंतजार व्यापारी को पूरा साल रहता है। दुकानदारों में दीपावली फीकी जाने का संदेह था, वह गलत साबित होगा। काफी हद तक व्यापार ठीक रहेगा। पिछले छह माह में व्यापारियों ने काफी नुकसान ङोला है। मेरे हिसाब से तो दीपावली सभी वर्ग के व्यापारियों के लिए खुशियां लेकर आएगी और व्यापार उम्मीद से बढ़कर रंग लाएगा। मुङो तो अच्छे व्यापार की पूरी उम्मीद है। फिर चाहे इलेक्ट्रोनिक्स हो, सोना हो, घर सजावट का सामान हो या अन्य वस्तुएं, हर वर्ग में अच्छा कारोबार होगा।
पारियों के सामने बड़ी चुनौतियां क्या हैं?
-आपको भी पता है और जगजाहिर है। इस समय सबसे बड़ी चुनौती ई-कॉमर्स है। इस पर अरबों रुपये का व्यापार होता है। कंपनियां बड़े-बड़े डिस्काउंट देती हैं। हमें तो आज तक इनका बिजनेस मॉडल ही समझ में नहीं आया। कारोबारियों को चाहिए वह भी अच्छे पैकेज बनाएं। सामान को आकर्षक और आधुनिक बनाएं। फेसबुक और इंस्टाग्राम सहित कई ऐसे प्लेटफार्म हैं, जिनका प्रयोग आज के समय में व्यापार के लिए हो रहा है। हमारे व्यापारियों को भी चाहिए कि इस तरफ ध्यान दें।
बाजारों में अतिक्रमण पर आप क्या सोचते हैं?
-आपकी बात ठीक है कि अतिक्रमण बाजारों और सड़कों पर हावी हो रहा है, लेकिन इसकी जिम्मेदार सरकारी एजेंसियां हैं। एमसीडी और पुलिस की जिम्मेदारी है कि अतिक्रमण न हो और उनको अपनी ड्यूटी करनी चाहिए। जिस बाजार में अतिक्रमण है, वहां की एसोसिएशन अपने पार्षद को और संबंधित थाने में शिकायत करें। अब ऐसा तो नहीं है कि अतिक्रमण संबंधित एजेंसियों को नहीं दिखता। बस इस समस्या को विकराल होने दे रहे हैं और समाधान कुछ कर नहीं रहे।
चीन के साथ तनातनी का क्या असर है?
-आपको भी पता है कि चीन के साथ तनातनी का कुछ हद तक असर पड़ा है। लोगों की मानसिकता बदली है। सरकार की भी चीन के सामान के लेकर सख्त है। इस बार थोड़ा सा लोगों का मन बदला भी है। हम अपील करते हैं कि स्वदेशी सामान का प्रयोग करें। इससे सरकार का भी तो राजस्व बढ़ेगा। सरकार को भी त्योहार के सीजन में राजस्व बढ़ने की उम्मीद रहती है। इसलिए चाइनीज लाइटें छोड़कर दीया जलाएं और अपने देश के कारोबारी और कारीगर को मजबूत करें।
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