दिल्ली में सदैव अटल के नजदीक बनेगी प्रणब मुखर्जी की समाधि
केंद्रीय लोक निर्माण विभाग ने इसके लिए टेंडर भी जारी कर दिया है। इस माह के अंत या अगले माह से समाधि का निर्माण शुरू हो सकता है। गत 31 अगस्त को 84 साल की उम्र में प्रणब मुखर्जी का निधन हो गया था।
नई दिल्ली [वीके शुक्ला]। राजघाट क्षेत्र में पूर्व राष्ट्रपति भारत रत्न प्रणब मुखर्जी (Former President Bharat Ratna Pranab Mukherjee) की समाधि बनेगी। प्रणब पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव के बाद कांग्रेस के ऐसे दूसरे नेता हैं, जिनकी समाधि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शासनकाल में बनने जा रही है। इसे पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी (Former Prime Minister Atal Bihari Vajpayee) के समाधि स्थल सदैव अटल के नजदीक बनाने का फैसला किया गया है। केंद्रीय लोक निर्माण विभाग ने इसके लिए टेंडर भी जारी कर दिया है। इस माह के अंत या अगले माह से समाधि का निर्माण शुरू हो सकता है। गत 31 अगस्त को 84 साल की उम्र में प्रणब मुखर्जी का निधन हो गया था।
राजघाट पर कई नेताओं और उनके परिवार के लोगों की समाधि बनी हुई हैं। पूर्व में केंद्र की कांग्रेस सरकार ने राजघाट पर राष्ट्रीय स्मृति स्थल का निर्माण कराया था और उस समय कहा गया था कि अब यहां किसी वीआइपी की समाधि नहीं बनेगी। अब से यदि किसी वीआइपी का निधन होता है तो उनके परिवार की अनुमति से यहां अंतिम संस्कार किया जाएगा। स्मृति स्थल में बने अलग-अलग ब्लॉक में उन्हें जगह दी जाएगी, जहां तस्वीर के साथ उनकी जीवनी लिखी जाएगी। हालांकि, मोदी सरकार में इस नियम को पहली बार एक कांग्रेस नेता के लिए बदला गया।
तत्कालीन केंद्रीय शहरी विकास मंत्री और वर्तमान उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने राजघाट पर कांग्रेस नेता एवं पूर्व प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव की समाधि बनाने का फैसला किया। इसके बाद 2018 में विजय घाट पर ही पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की समाधि बनी। इस स्थल के पास पूर्व राष्ट्रपति शंकर दयाल शर्मा, पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर, इंद्र कुमार गुजराल, पूर्व राष्ट्रपति केआर नारायणन, ज्ञानी जैल सिंह, आर वेंकटरमन व पूर्व प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव की समाधि है। विजय घाट पर ही यहां से कुछ दूरी पर पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की समाधि है।
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