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Virtual Delhi Book Fair 2020: विश्व का सबसे बड़ा मेला बना वर्चुअल दिल्ली पुस्तक मेला

3 दिन चले इस ऑनलाइन मेले में जहां 2.7 लाख दर्शकों ने शिरकत की वहीं अमेरिका जर्मनी और फ्रांस सहित 107 देशों के पाठकों ने भी मेले के प्रति रुचि दिखाई। किताबों की बिक्री जरूर थोड़ी कम रही लेकिन 10 देशों के राजदूत और मंत्रियों तक ने इसकी सराहना की।

By JP YadavEdited By: Updated: Mon, 02 Nov 2020 12:53 PM (IST)
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इस ऑनलाइन मेले में 2.7 लाख दर्शकों ने शिरकत की।

नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। Virtual Delhi Book Fair 2020 : पिछले 25 सालों से हर साल अगस्त-सितंबर के दौरान प्रगति मैदान में होने वाला जो दिल्ली पुस्तक मेला इस साल कोरोना काल में रद कर दिया गया था, लेकिन उसका वर्चुअल स्वरूप एक नया रिकॉर्ड बना गया। महज तीन दिन चले इस ऑनलाइन मेले में जहां 2.7 लाख दर्शकों ने शिरकत की वहीं अमेरिका, जर्मनी और फ्रांस सहित 107 देशों के पाठकों ने भी मेले के प्रति खासी रुचि दिखाई। किताबों की बिक्री जरूर थोड़ी कम रही लेकिन 10 देशों के राजदूत और मंत्रियों तक ने अपने ट्वीटर हैंडल पर इसकी सराहना की।

कुछ ऐसा रहा वर्चुअल मेले का स्वरूप

भारतीय प्रकाशक संघ (एफआईपी) के महासचिव डॉ अशोक गुप्ता के मुताबिक कोविड -19 महामारी के चलते प्रगति मैदान में हर वर्ष लगने वाला दिल्ली पुस्तक मेला इस साल प्रत्यक्ष रूप से आयोजित करना संभव नहीं था। इसीलिए इसे वर्चुअल रूप से करने की योजना बनाई गई। कराडी पाथ लर्निंग की ओर से प्रायोजित इस डिजिटल पुस्तक मेले को प्रगति ई प्लेटफॉर्म पर आयोजित किया गया। डिजिटल फॉर्मेट में आयोजित इस मेले में प्रकाशकों के साथ-साथ लेखक, वितरक और किताबों के शौकीन लोग एक ही प्लेटफॉर्म पर इकट्ठा हुए। 1995 से शुरू हुए इस मेले के लिए इस बार एक डेडिकेटेड ई-कॉमर्स वेबसाइट भी बनाई गई, जिसमें कई प्रकाशकों की पुस्तकें एक ही प्लेटफॉर्म पर नजर आईं और दर्शक केवल एक क्लिक से अपनी मनपसंद किताब खरीद सके।

करीब 100 प्रकाशकों की नौ हजार किताबें हुई प्रदर्शित

वर्चुअल दिल्ली पुस्तक मेले में लगभग 100 प्रकाशकों ने भाग लिया। नौ हजार से अधिक पुस्तकें प्रदर्शित की गईं। 100 से अधिक पुस्तकें डिजिटल फॉर्मेट में भी पेश की गई।

कई कार्टून चैनल्स ने दिया साथ

बच्चों की पुस्तकों के प्रति पिछले कुछ सालों से काफी रूझान बढा है। वहीं इस साल पुस्तक मेले में बच्चों के लिए कई कार्टून चैनलों ने विभिन्न प्रकार की प्रतियोगिताओं का आयोजन कर साथ दिया। इन प्रतियोगिताओं में भाग लेने वाले बच्चों को इनाम भी दिया गया।

रमेश कुमार मित्तल (अध्यक्ष, एफआईपी) का कहना है कि कोविड-19 ने सच में दुनिया मुट्ठी में कर दी है। वैचारिक परिचर्चा हो या फिर मार्केटिंग अब सब कुछ डिजीटल प्लेटफॉर्म के जरिए संभव है। यही वजह रही कि इस बार वर्चुअली आयोजित किए गए च्दिल्ली पुस्तक मेला 2020ज् का रूझान इतना सकारात्मक मिला कि आयोजकों ने अंतिम समय में अपना फैसला बदलते हुए इसको एक दिन यानि 1 नवंबर तक के लिए बढाने का फैसला कर लिया।हालांकि पहले प्रकाशक वर्चुअली पुस्तक मेले को लेकर असमंजस की स्थिति में थे, लेकिन दो दिनों में ही इतना बढिया फीडबैक मिला कि सभी के हौसले बुलंद हो गए। वहीं पाठक अपनी पसंदीदा किताबों को सिर्फ खरीद ही नहीं पाए बल्कि परिचर्चाओं का भी हिस्सा बन पाए।

मेहनत से बना दुनिया का सबसे बडा वर्चुअल पुस्तक मेला

प्रगति ई के सीईओ कपिल गुप्ता व प्रोडक्ट् हेड गौरव अष्टावक्र ने कहा कि इस बार दिल्ली पुस्तक मेले की परिधि को तोडकर हम काफी आगे बढ़ गए। दो महीने से लगातार तैयारियां की जा रही थीं और आखिरकार मेहनत रंग लाई। वर्चुअल प्लेटफॉर्म पर आयोजन को लेकर केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन, सांसद मीनाक्षी लेखी सहित कई देशों के राजदूतों व बडी हस्तियों ने हौसला अफजाई की। हमने बाकायदा वॉर रूम बनाया, जिससे इस बार का दिल्ली पुस्तक मेला दुनिया का सबसे बडा वर्चुअल पुस्तक मेला बन गया। जर्मनी के फ्रेंकफर्ट में होने वाले पुस्तक मेले से भी ज्यादा रेस्पॉन्स इस मेले को मिला।

 तुषार गुप्ता (सीईओ, आर्य पब्लिशिंग कंपनी) के मुताबिक, वर्चुअल पुस्तक मेले में भाग लेने का अनुभव काफी अच्छा रहा। सीधे तौर पर भले ही ज्यादा बिक्री नहीं हुई, लेकिन जो किताबें पहले सिर्फ दिल्ली एनसीआर के पाठक ही देखते थे, इस बार दुनिया भर के लोगों ने देखी। हिंदी साहित्य का भी खूब प्रचार- प्रसार हुआ। 

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