Delhi: बेसहारा पशुओं की समस्या को लेकर सरकारी एजेंसियां बेफिक्र
पंखा रोड के किनारे जगह जगह कूड़ा घर बने हैं। आसपास की कॉलोनियों से यहां कूड़ा इकट्ठा कर फेंक दिया जाता है। अफसोसजनक रूप से जहां कूड़े के ढेर लगे रहते हैं उस जगह आसपास की जमीन कच्ची है।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। तमाम दावों के बावजूद बेसहारा पशुओं की समस्या ज्यों की त्यों बनी है। बेसहारा पशुओं की समस्या एक ओर जहां वाहन चालकों के लिए परेशानी का कारण हैं वहीं कई जगह ये पशु मेहनत से उगाई गई हरियाली को चट कर रहे हैं। इस मसले को निगम की वार्ड कमेटी बैठकों में आए दिन पार्षद उठाते रहते हैं, लेकिन गंभीरता के साथ शायद ही ठोस तौर पर समाधान की दिशा में कोई कदम उठाया गया हो।
हस्तसाल कॉलोनी हो या विपिन गार्डन से सटा बाढ़ नियंत्रण विभाग द्वारा विकसित किया गया पार्क। बेसहारा पशु दोनों ही जगह पार्क में घूमते नजर आते हैं। हस्तसाल लैंडफिल पार्क में तो बेसहारा पशु मेहनत से उगाई गई हरियाली को चट करने में अमादा हैं। इसी तरह की समस्या विपिन गार्डन इलाके में देखने को मिलती है। दोनों ही जगह चारदीवारी का दुरुस्त नहीं होना भी समस्या का कारण है।
उधर, डाबड़ी, मंगलापुरी, नसीरपुर, ख्याला, उत्तम नगर, पंजाबी बाग, नांगलोई में यह समस्या पार्को में नहीं बल्कि सड़कों पर नजर आती है। यहां जगह-जगह सड़क किनारे बने कूड़ा घरों के बाहर आवारा पशुओं का झुंड आसानी से नजर आ जाता है। यह समस्या पंखा रोड व डाबड़ी पालम रोड पर सबसे अधिक दिखाई देती है। कई बार स्थिति ऐसी हो जाती है कि पशुओं के कारण सड़क पर जाम लग जाता है। वहीं आए दिन वाहन चालक सड़कों पर इनकी चपेट में आकर दुर्घटनाग्रस्त हो रहे हैं।
पंखा रोड के किनारे जगह जगह कूड़ा घर बने हैं। आसपास की कॉलोनियों से यहां कूड़ा इकट्ठा कर फेंक दिया जाता है। अफसोसजनक रूप से जहां कूड़े के ढेर लगे रहते हैं उस जगह आसपास की जमीन कच्ची है। बिखरे हुए कूड़े के ढेर के पास खाने के लालच में बेसहारा पशु आ जाते हैं और देखते ही देखते इनकी संख्या काफी बढ़ जाती है। कई बार स्थिति ऐसी रहती है कि सड़क पर बेसहारा पशुओं का जमावड़ा लग जाता है। जिससे यातायात बाधित हो जाता है।
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